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________________ १ महाकवि ब्रह्मा रायमल एवं भट्टारक त्रिभुवनकीति (प्रकाशित) २. कविवर अचराज एवं उनके समकालीन कवि ३. महामवि ब्रह्म जिनदास व्यक्तित्व एवं ऋतिख ४. भट्टारक रत्नकीर्ति एवं कुमुदचन्द्र ५. प्राचार्य सोमकीति एवं ब्रह्म यशोधर प्रेस में ६. महाकवि बीरचन्द एवं महिचंद ७. विधाभूषण, ज्ञानसागर एवं जिनदास पाण्डे ८. कविवर रूपचन्द, जगजीवन एवं ब्रह्म कनू रचन्द ६. महाकवि भूधरदास एव बुलाकीदास १०, जोधराज गोदीका एवं हेमरान ११. महाकवि द्यानतराय १२. पं० भगवनीदास एवं भाउ कवि १३. कविवर खुशालचन्द काना एवं प्रजयराज पाटनी १४. कविवर किशनसिंह, नथमल बिलाला एवं पाण्डे लालचन्व १५. कविवर बुधजन एव उनके समकालीन कवि १६. कविवर नेमि चन्द्र एवं हर्ष कीर्ति १७. भैय्या भगवतीदास एवं उनके समकालीन कवि १८, करियर दौलतराम एवं छत्तदास १६. मनराम, मन्नासाह, लोहट कवि २०. २०वीं शताब्दि के जैन कवि योजना तैयार होने को पश्चात उसके त्रियान्वय का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया । एक ओर प्रथा भाग 'महाकनि ब्रह्मरायमल एवं भट्टारका विभवनकोति" के लेखन एवं सम्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया तो दूसरी ओर प्रकादमी की योजना एवं नियम प्रकाशित करवा कर समाज के साहित्य प्रेमी महानुभाकों के पास संस्था सदस्य बनने के लिये भेजे गये । कितने ही महानुभावों से साहित्य प्रकाशन की योजना के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। मझे यह लिखते हुए प्रसन्नता है कि समाज के सभी महानुभावों ने अकादमी की स्थापना एवं उसके माध्यम से साहित्य प्रकाशन योजना का स्वागत किया है और अपना प्रार्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया । सर्व प्रथग अकादमी की प्रकाशन योजना को जिन महानुभावों का (ii)
SR No.090103
Book TitleBhattarak Ratnakirti Evam Kumudchandra Vyaktitva Evam Kirtitva Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages269
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Story
File Size4 MB
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