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________________ भरतेश वैभव वाले राजन् ! चित्मार्गचक्रवर्तीका मित्र आ रहा है। दाक्षिण्यपर है, क्षत्रिय है । अनेक कलाओंमें दक्ष है। स्वामिकार्यमें हितकांक्षण करने वाला है। यह दक्षिणांक आ रहा है, स्वामिन् ! जरा इधर देखें। बाहुबलि अब दक्षिणांकके आगमनको देखते हुए गम्भीरतासे बैठ गये । दक्षिणांकने पासमें आकर बाहुबलिके चरणोंमें एक कमलपुष्पको रखकर साष्टांग नमस्कार किया। "चक्रेशानुज ! नरसुरनागभूचक्रमोहनमूलकर्ता ! चक्रवाकध्वज ! ते नमो नमः" कहते हुए उठ खड़ा हुआ। साथ ही नागर आदि अपने मित्रोंकी और बुद्धिसागर मन्त्रीकी भेंटको भी समर्पणकर नमस्कार किंथा । बाहुबलिने हंसते हुए उसे पास ही एक आसन दिलाया । वह उसपर हर्षसे बैठ गया। दरबारमें एकदम निस्तब्धता छा गई। सब लोग इस प्रतीक्षामें थे कि दक्षिणांक क्या समाचार लेकर आया है । उस निस्तब्धताको भंग करते हुए बाहुबलिने प्रश्न किया कि दक्षिणांक ! कहाँसे आये ? और अपने स्वामीको कहां-कहां फिराकर ले आये? राजन् ! मैं कहाँसे आया हैं, आपके दर्शन करनेका पुण्य जहाँसे आया वहाँसे आया हूँ। स्वामीको फिरानेका सामध्ये किसके हायमें है? जो जगत्को ही अपनी चारों ओरसे फिराता है ऐसे कामदेवके अग्रजको इधर ले जानेका सामर्थ्य किसके पास है ? दक्षिणांक ! तुम, नागपर, सेनापति व मंत्री आदि मिलकर तुम्हारे राजाको क्या कर रहे हैं ? एक जगह उसे रहने नहीं देते । तुम्हारे राजाने जो कुछ भी किया, चाहे वह अच्छा हो या बुरा उसकी प्रशंसा करते हो। सब दुनियामें उसे फिराके लाये। शाबास ! इस प्रकार बाहुबलिने कहा। ___राजन् ! आप यह क्या कहते हैं ? हम लोगोंने प्रशंसा की तो क्या आपके भाई फूलने वाले हैं ! उत्तरमें दक्षिणांक कह रहा था बीच में ही बात काटकर बाहुबलिने कहा कि जाने दो इस बात को ! मैंने यों ही बिनोदसे कहा । बुरा मत मानो। आगे हंसते हुए कहने लगे कि दक्षिण ! जगह-जगह जाकर गरीबोंसे हाथी, घोड़ा, रत्न आदि लूटकर आये न ? बेचारोंको खूब तंग किया न ? उत्तरमें दक्षिणने कहा कि राजन् ! गरीब कौन है ? ये व्यंतर और विद्याधर गरीब हैं ? म्लेच्छोंके पास किस बातकी कमी है ? समुद्रमें, पर्वतोंमें गंगा और सिंधुकी शक्तिको पाकर वे बहुत समर्थ हो चुके हैं।
SR No.090101
Book TitleBharatesh Vaibhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnakar Varni
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages730
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size16 MB
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