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________________ भरतेश वैभव १०० देती है, मैं माताजीको कुछ भी कह नहीं सकता। भाईकी इच्छा हो तो वह ले जाए। मैं इसपर क्या कहूँ ? इसे सुनकर प्रणयचन्दने फिर कहा कि स्वामिन्! आपने जैसा विचार प्रकट किया उसी प्रकार आपके सहोदरने भी कहा था कि इस कामके लिये पूछनेकी क्या जरूरत है ? परन्तु उनसे मैंने निवेदन किया कि यह ठीक नहीं है। सूचना तो जरूर देनी ही चाहिये। इसलिये खासकर आपको सूचित करनेके लिये मैं आया हूँ । भरतेश प्रणयचन्द्रकी बात सुनकर मन हो मनमें कुछ हँसे व कहने लगे कि प्रणयचन्द्र ! तुम बहुत बुद्धिमान् हो । तुम्हारे कर्तव्यपर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई। तुम बाहुबली के पासमें रहो, ऐसा कहकर उसको उत्तम वस्त्र आभूषणों को दिया । प्रणयचन्द्र भी भरतेशको प्रणाम कर बहाँसे निकल गया । प्रणयचन्द्रके बाहर जानेके बाद राजा भरत बाहुबलीकी वृत्तिपर मन ही मन में कुछ हँसे । फिर प्रकट रूपसे बुद्धिसागरसे कहने लगे कि बुद्धिसागर ! देखा ? मेरे भाईकी उद्दण्डताको तुमने देख ली न ? मनमें कुछ मायाचार रखकर यहाँ आना नहीं चाहता है । इसीलिये बहाना - बाजी बनाकर इसे भेजा है, वह भी शास्त्र सुननेका बहाना है। क्या ही अच्छा उपाय है । उसे मैं कामदेव हूँ इस बातका अभिमान है। वह यह समझता है कि उसके बराबरी करनेवाले कोई नहीं है । इसीको gostaff प्रभाव कहते हैं । प्रणयचन्द्रने असली बातको छिपाकर रंग चढ़ाते हुए बातचीत की। मैं इस बातको अच्छी तरह जानता हूँ कि भाई बाहुबली मेरे प्रति भाईके नाते भक्ति नहीं करेगा, उसकी मर्जी, मैं क्या करूँ ? बाहुबली तो युवराज है । इसलिए उसे इतना अभिमान है । परन्तु उससे छोटे भाई क्या कम हैं। जिस प्रकार सूर्य को देखनेपर नीलकमल अपने मुखको छिपा लेता है उसी प्रकार मेरे साथ उनका व्यवहार है। पूज्य पिताजी व माताजी के प्रति मेरे भाइयोंको अत्यधिक भक्ति है । परन्तु मुझे देखनेपर नाक- मुँह सिकोड़ लेते हैं। क्या परब्रह्म श्री आदिनाथके पुत्रोंका यह व्यवहार उचित है ? मैं हमेशा इन लोगोंके साथ अच्छा व्यवहार करता हूँ। उनके चितको दुखानेके लिये मैंने कभी भी प्रयत्न नहीं किया। परन्तु ये मात्र मुझसे भेद रखते हैं । न मालूम मैंने इनको क्या किया ? ये इस प्रकार
SR No.090101
Book TitleBharatesh Vaibhav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnakar Varni
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages730
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size16 MB
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