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________________ मंसूर / 293 मैसूर के अन्य दर्शनीय स्थल राजमहल - सिटी बस स्टैण्ड और मुख्य बाज़ार से लगा हुआ यहाँ का राजमहल अवश्य देखना चाहिए। यह महल 1911 ई. में बयालीस लाख की लागत से बना था । उसका दरबार हॉल, रत्नजटित राजसिंहासन आदि स्वयं देखने की वस्तुएँ हैं । रोशनी के समय इसकी अद्भुत छटा होती है । इसमें सुनहरी काम और दोवालों पर चित्रकारी नक्काशी आदि बहुत ही सुन्दर हैं। छुट्टियों के दिन इस पर रोशनी की जाती है । रात्रि के समय थोड़ी रोशनी में भी यह सुन्दर दिखता है । यह सुबह साढ़े दस से साढ़े पाँच तक खुला रहता है । चामुण्डी पहाड़ी पर नन्दी - यहाँ सार्वजनिक बसें भी ऊपर चामुण्डेश्वरी मन्दिर तक जाती हैं । यहाँ इस मन्दिर के सामने लगभग 15 फुट ऊँचा पाषाण का एक नन्दी है जिसके गले की मालाएँ तथा घण्टियाँ सुन्दर हैं । चढ़ने के लिए लगभग एक हज़ार सीढ़ियाँ हैं । इस पहाड़ी पर से मैसूर शहर का अच्छा दृश्य दिखाई देता है । कावेरी एम्पोरियम - यह भी मुख्य बाज़ार के बिलकुल करीब है । यहाँ चन्दन, शीशम, हाथी दांत, रेशम, चन्दन का सेंट, अगरबत्तियाँ आदि खरीदी जा सकती हैं । यहाँ तथा बाज़ार में चन्दन की बाहुबली और पार्श्वनाथ की मूर्तियाँ भी मिलती हैं । मैसूर विश्वविद्यालय - कुछ ऊँची पहाड़ी पर स्थित यह विश्वविद्यालय एक सुन्दर परिसर है । दृश्यों की दृष्टि से यहाँ का भ्रमण भी किया जा सकता है । मैसूर, बंगलोर आदि स्थानों में खानपान के बड़े-बड़े होटल 'भवन' के नाम से जाने जाते हैं । इनमें से कुछ राजस्थानी स्वामित्व के हैं और साफ़-सुथरे हैं । यहाँ दक्षिण भारतीय चावल भोजन को 'मद्रास खाना' और रोटी तथा चावल के भोजन को 'बम्बई खाना' बोलते हैं । बाज़ारों आदि में हिन्दी भाषा से काम चलता 1 वृन्दावन गार्डन्स - मैसूर से 19 कि. मी. की दूरी पर वृन्दावन गार्डन्स हैं । यहाँ कावेरी नदी पर एक बाँध बनाया गया है जिसे कृष्णराजसागर बाँध कहते हैं । इसी बाँध की तलहटी में एक उद्यान स्थित है । एक क्रम से नीची होती चली गई जमीन पर रंग-बिरंगे फूलों, सुन्दर पौधों और अनेक प्रकार के छोटे-बड़े फव्वारों के कारण यह उद्यान अत्यन्त आकर्षक है । सिनेमाप्रेमी यह खूब जानते हैं कि यहाँ अनेक फ़िल्मों की शूटिंग होती है। इस उद्यान में हर शाम एक घण्टे के लिए और रविवार एवं छुट्टियों के दिन दो घण्टे के लिए रोशनी की जाती है। रंगविरंगी रोशनी में फव्वारे अपूर्व दृश्य उपस्थित करते हैं । रोशनी से सूर्य, तितलियाँ, भारत का नक्शा आदि विभिन्न आकृतियाँ बनती हैं और मन को आकर्षित करती हैं । इतने थोड़े समय में सभी छवियाँ देख लेना कभी-कभी मुश्किल भी हो जाता । इसी उद्यान में नौकाविहार की भी सुविधा है। अब इस उद्यान में नृत्य और संगीत का आनन्द देने वाले फव्वारे भी लगाए गए हैं। कम्प्यूटर द्वारा नियन्त्रित ये फव्वारे रोशनी और संगीत की लय के साथ उठते-गिरते या नृत्य करते दिखाए देते हैं । उपर्युक्त उद्यान के लिए मैसूरनगर बस स्टैण्ड से बसें मिलती हैं जो कि बाँध से पहले उतार देती हैं । इसका लाभ यह होता है कि पर्यटक बाँध के ऊपर की सड़क पैदल पार करते समय पानी
SR No.090100
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1988
Total Pages424
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size23 MB
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