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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ तथा १ फुट ११ इंच ऊँची है । इसके बायीं ओर श्याम वर्णके पार्श्वनाथ हैं। फण अधूरा है । दायों ओर श्वेत वर्णके अरहनाथ हैं।
___द्वारके दायीं ओर वेदीमें श्वेत वर्णके नेमिनाथ विराजमान हैं। इनकी प्रतिष्ठा संवत् १७६९ में हुई थी और इनको अवगाहना १ फुट ९ इंच है। इसके दोनों पार्यों में श्वेत और कृष्ण वर्णके नेमिनाथ विराजमान हैं।
७. पाश्वनाथ मन्दिर-पद्मासन मुद्रामें २ फुट ८ इंच ऊंचे श्वेत पाषाणके पाश्वनाथ आसीन हैं । प्रतिष्ठा संवत् १९०२ में हुई थी। इसके बायीं ओर श्याम वर्ण नेमिनाथ और दायीं ओर पार्श्वनाथ हैं । इन मूर्तियोंपर भूलसे संवत् १९००२ उत्कीर्ण कर दिया गया है जो वस्तुतः १९०२ होना चाहिए। ___ गर्भगृहके बायीं ओर वेदीमें संवत् १९२६ में प्रतिष्ठित श्वेत पाषाणकी चन्द्रप्रभ प्रतिमा है और दायीं ओरकी वेदीमें संवत् १८०२ में प्रतिष्ठित चन्द्रप्रभकी श्यामवर्ण पद्मासन प्रतिमा है । दोनोंकी अवगाहना क्रमशः १ फुट २ इंच और १ फुट १ इंच है।
८. नेमिनाथ मन्दिर-भगवान नेमिनाथकी १ फुट ४ इंच ऊंची संवत् १९४७ में प्रतिष्ठित श्यामवर्ण पद्मासन प्रतिमा है। इसके दोनों पावों में ९ इंच अवगाहनावाले संवत् १५४८ में प्रतिष्ठित श्वेत पाषाणके सुपाश्वनाथ विराजमान हैं।
___९. मेरुमन्दिर-इस मन्दिरकी गन्धकुटीमें चन्द्रप्रभ भगवान् विराजमान हैं। ये श्वेतवर्णके हैं, पद्मासन हैं और संवत् १७६१ में इनकी प्रतिष्ठा हुई है। इनकी अवगाहना १ फुट २ इंच है। व्यवस्था
इस क्षेत्रकी व्यवस्था नागपुरकी परवार समाजके आधीन है। नागपुरके परवार मन्दिर और इस क्षेत्रको व्यवस्था एक ही प्रबन्धक समिति करती है । धर्मशाला
यहां धर्मशालाओंमें कुल ६९ कमरे हैं। यात्रियोंकी सुविधाके लिए नल, बिजली और बरतनोंकी सुविधा उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त २५ गद्दे-तकिये और चादरोंकी व्यवस्था है। मेला
क्षेत्रका वार्षिक मेला कार्तिक सुदी १३ से १५ तक भरता है। इस अवसरपर जलयात्रा होती है। दर्शनीय स्थल
___ रामटेक पर्वतके ऊपर महाकवि कालिदासका स्मारक बना हुआ है। यह एक गोलाकार हॉल है। इसमें कालिदासके नाटकोंके आधारपर कुछ दश्य भित्तियोंपर चित्रांकित किये गये हैं यहां जाने और यहाँसे उतरनेके लिए पक्का सोपान मार्ग बना हुआ है।
स्मारकके अतिरिक्त इस पर्वतपर हिन्दुओंके राम मन्दिर, जानकीकुण्ड, रामसागर आदि भी बने हुए हैं । यहांको एक दूसरी पहाड़ीपर नागार्जुनकी गुफा दर्शनीय है। क्षेत्रका पता इस प्रकार है
मन्त्री, श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पो. रामटेक ( जिला नागपुर ) महाराष्ट्र