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________________ महाराष्ट्रके दिगम्बर जैन तीर्थ ३०९ तटसे लगभग दो मील तकका क्षेत्र हिन्दुओंके मानसरत्नोंसे–मन्दिरोंसे सुशोभित है। विश्वास किया जाता है कि इन देवालयोंका निर्माण देवगिरिके यादव वंशी राजा रामचन्द्रने कराया था। ___ नगरके मध्यमें एक बावड़ी है। इसके सम्बन्धमें यह अनुश्रुति प्रचलित है कि इस स्थानपर प्राचीन कालमें बहुत-से ऋषियोंने यज्ञ किया था। उन दिनों यहां तथा इसके आसपास जलका बड़ा संकट था। तब ऋषियोंने वहां एक कुण्ड बनाया और सप्त तीर्थोंका जल लाकर उसमें भर दिया। तीर्थ-जल डालते ही कुण्डमें-से जल तीव्र गतिसे बहने लगा। यही वैम्बला नदी कहलाने लगी। कारंजा नृसिंह सरस्वतीका जन्म स्थान है। इसलिए यहां बीसवीं शताब्दीमें विशाल गुरु मन्दिरका निर्माण किया गया है जो हिन्दू यात्रियोंके लिए तीर्थस्थान है। तीर्थक्षेत्रका पत्र-व्यवहारका पता इस प्रकार है श्री ब्र. माणिकचन्द्रजी चवरे, मंत्री, श्री महावीर ब्रह्मचर्याश्रम, पो. कारंजा लाड, जि. अकोला ( महाराष्ट्र) बाढौणा रामनाथ मार्ग और अवस्थिति श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बाढोणा रामनाथ महाराष्ट्र प्रान्तके जिला अमरावतीमें स्थित है। कारंजासे यह क्षेत्र २२ कि. मी. दूर है। सड़क है। कारंजासे बस जाती है। क्षेत्र-दर्शन मन्दिरमें प्रवेश करनेपर वेदीपर भगवान् आदिनाथकी ३ फीट ८ इंच अवगाहनावाली और संवत् १५४८ में प्रतिष्ठित पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा अतिशयसम्पन्न है । भक्तजन यहां आकर मनौती मनाते हैं । लेप चढ़ाया जा रहा है। __ वेदीपर मूलनायकके अतिरिक्त आदिनाथ भगवान्की श्वेत पाषाणकी तथा ३ धातुको मूर्तियां हैं। पीछेकी वेदीमें भगवान् पद्मप्रभकी संवत् १४५७ में प्रतिष्ठित और ३ फीट ८ इंच ऊंची पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। इसके अतिरिक्त इस वेदीमें पाषाणकी २० तथा धातुकी ६ मूर्तियाँ और हैं। मन्दिरमें एक तलप्रकोष्ठ है । इसमें ४ वेदियाँ हैं जिनमें कुल ८ मूर्तियां विराजमान हैं। इस मन्दिरमें एक पाषाण-फलकमें बनी हुई चौबीसी प्राचीन प्रतीत होती है। यह लगभग ११-१२वीं शताब्दीकी होनी चाहिए। क्षेत्रका पता इस प्रकार है मन्त्री, श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बाढोणा रामनाथ ( जिला अमरावती) महाराष्ट्र
SR No.090099
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1978
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size21 MB
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