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________________ भारतके दिगम्बर जैन तीर्थं चैत्र शुक्ला ९ को नव वर्षके उपलक्ष्य में दो दिन मेला होता है । इस अवसरपर जलयात्रा होती है । आषाढ़ शुक्ला १४-१५ को विशेष आयोजनके साथ अभिषेक और पूजन होता है । निकटवर्ती तीर्थक्षेत्र अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ सिरपुर के पास वाशिम में अमीझरो पार्श्वनाथ ( धाकड़ मन्दिर ) और चिन्तामणि पार्श्वनाथ ( सैतवाल मन्दिर ) हैं जो ७०० वर्षं प्राचीन हैं । इन दोनों मन्दिरोंमें भोयरे हैं । ऐल राजाने बरार प्रदेश में अनेक मन्दिरोंका निर्माण कराया था । ३०२ श्वेताम्बर समाज द्वारा कलह श्री अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन क्षेत्रका मन्दिर और मूर्तियां स्पष्टतः दिगम्बर - आम्नाय की हैं, किन्तु श्वेताम्बरों द्वारा दिगम्बर तीर्थोंपर बलात् अधिकार करने की अपनी नीतिके कारण लगभग आधी शताब्दीसे इस क्षेत्रपर भी श्वेताम्बर समाज द्वार अनुचित कार्य किये जा रहे हैं । कुछ वर्षं पूर्वं श्वेताम्बर लोगोंने दिगम्बर समाजसे केवल दर्शन-पूजनकी सुविधा माँगी थी । दिगम्बर समाजने उदारतावश उन्हें यह सुविधा प्रदान कर दी । परिणाम यह हुआ कि श्वेताम्बर भाइयोंने इस उदारताका लाभ उठाकर अपने पैर फैलाने शुरू कर दिये और सम्पूर्ण तीर्थपर अपना स्वामित्व जताने लगे । प्रीवी कौंसिल तक केस चले । वहाँसे जो निर्णय हुआ, उसके अनुसार दोनों मन्दिरों, उनकी मूर्तियों आदिका स्वामित्व और उनकी व्यवस्थाका दायित्व तो दिगम्बर समाजका है, केवल अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ की मूर्ति के पूजनके लिए दोनों समाजों के लिए तीन-तीन घण्टेका समय नियत कर दिया गया है । " यहाँ दिगम्बर और श्वेताम्बर समाजके लिए सरकार द्वारा निर्धारित पूजा सम्बन्धी समय-सारणी दी जा रही है । यह सारणी केवल श्री अन्तरिक्ष पार्श्वनाथकी मूर्ति की पूजा के लिए है । मन्दिर में विराजमान शेष मूर्तियोंकी पूजा करनेके लिए दिगम्बर समाज स्वतन्त्र है । दिवस दिनका समय रात्रिका समय ६-९ रविवार दि. श्वे. सोमवार श्वे. दि. मंगलवार दि. श्वे. बुधवार शुक्ल पक्ष बुधवार कृष्णपक्ष दि. نوال २-४ ९-१२ १२-३ ३-६ ६-८ ८-१० १०-१२ १२-२ ४-६ दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. . दि. श्वे. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. दि. श्वे. दि. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. दि. श्वे. दि. दि. श्वे. दि. श्वे. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. दि. श्वे. ول و نول श्वे. गुरुवार शुक्रवार दि. शनिवार श्वे. दि. श्वे. श्वे. दि. श्वे. श्वे. و श्वे. র । श्वे.
SR No.090099
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1978
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size21 MB
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