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महाराष्ट्रके दिगम्बर जैन तीर्थ
२५१ मूर्तिसे लेप उतर गया है। बरामदेमें दायीं ओर एक गुफा है। इस गुफामें सात द्वार हैं। बीच में स्तम्भ बने हुए हैं। इसके आगे चौरस चबूतरा है। इस गुफा की हालत अच्छी है। इसका जीर्णोद्धार किया गया है। स्तम्भ नये लगे हैं। चबूतरेपर दायीं ओर एक छोटी गुफा बनी
गुफा नं. ४-इस गुफा में प्रवेश-द्वार तथा उसके दोनों ओर खिड़कियां हैं। फिर सभामण्डप है जिसमें ४ स्तम्भ बने हुए हैं। सामने गर्भगृह है, जिसमें भगवान् पार्श्वनाथकी मूर्ति है। मूर्ति बिलकुल जीर्णशीर्ण है। यह मूर्ति गारे मिट्टीकी बनी हुई है । रचना पूर्ववत् है, किन्तु सब कुछ अस्पष्ट है। इसमें परिक्रमा-पथ नहीं है । गर्भगृह भी छोटा है। इस गुफामें ४ प्रकोष्ठ बने हुए हैं। ये सब खाली हैं। ___यहांसे पहाड़पर पगडण्डी द्वारा दखिणाभिमुखी गुफाओंकी ओर जाते हैं। यहां ३ गुफाएँ बनी हुई हैं। इसका विवरण इस प्रकार है
गुफा नं. ५-इस गुफामें तीन खण्ड हैं। इसमें जल भरा हुआ है।
गुफा नं. ६-इसमें ५ द्वार हैं। मध्यमें स्तम्भ है। आगे बराण्डा है। १० स्तम्भोंपर आधारित सभा-मण्डप बना हुआ है। स्तम्भोंके मध्य गर्भगृह है। इसमें ५ फीट ६ इंच ऊंची पार्श्वनाथ प्रतिमा है। इसके शीर्षपर नौ फण बने हुए हैं किन्तु जीर्णशीर्ण हैं। सब कुछ अस्पष्ट है। इस गुफा में दो कोठरियां बनी हैं।
____ गुफा नं. ७–इस गुफामें ११ द्वार हैं। एक कोठरी बनी हुई है। गुफामें जल है। द्वारोंके सिरदलोंपर पशुओं आदिकी मूर्तियाँ बनी हुई हैं। किन्तु वे अस्पष्ट हो गयी हैं।
उपर्युक्त सभी गुफाओंका निर्माण-काल एक नहीं लगता । सम्भवतः उत्तराभिमुखी गुफाएँ प्राचीन हैं। इसमें गुफा नं. १-३ और ४ करकण्डु नरेश द्वारा निर्मित लगती हैं। पाश्वनाथमूर्तियां, जो अर्धपद्मासन हैं, वे भी करकण्डु द्वारा प्रतिष्ठित प्रतीत होती हैं। शेष गुफाएँ एवं मूर्तियां उत्तरकालीन लगती हैं। इनका निर्माण समय पुरातत्त्ववेत्ताओं द्वारा अनुमानित काल लगता है। धर्मशाला
__ उस्मानाबादमें दो जैन मन्दिर हैं । वे एक दूसरेके सामने बने हुए हैं। सेठ नेमचन्द बालचन्द गान्धीके मन्दिरमें धर्मशाला बनी हुई है जिसमें ५ कमरे हैं । नल और बिजलीकी उचित व्यवस्था है। विशेष जानकारीके लिए पत्र-व्यवहारका पता इस प्रकार है
मैसर्स सुभाषचन्द्र मोतीचन्द गान्धी, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र )
मार्ग और अवस्थिति
'श्री दिगम्बर जैन अतिशय-क्षेत्र तेर' महाराष्ट्र प्रान्तके उस्मानाबाद जिलेमें अवस्थित है। उस्मानाबादसे यह स्थान १९ कि. मी. है और वार्शीसे ४९ कि. मी. है। पक्की सड़क है। उस्मानाबादसे तेरके लिए एस. टी. बस जाती है। यह क्षेत्र तेर गांवसे बाहर वाटर वर्क्सके ठीक सामने खेतोंमें वृक्षोंकी छायामें स्थित है। गांवमें दिगम्बर जैनोंका कोई घर नहीं है। क्षेत्रका