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________________ महाराष्ट्रके दिगम्बर जैन तीर्थ २१९ है, तुम अनन्त सम्पदाके स्वामी हो। तुम अपनी ओर देखो, अपनेको पहचानो। तुम भी मेरे समान त्रैलोक्येश्वर बन जाओगे।" इन्हीं भावोंमें अभिभूत हुआ भक्त इन मूर्तियोंके पृष्ठ भागमें जाता है तो वहां तीनों ओर बनी २४ वेदियोंमें विराजमान २४ तीर्थंकरोंके दर्शन पाकर कृतकृत्य हो जाता है। दो वेदियाँ और हैं जिनमें धरणेन्द्र पद्मावती तथा क्षेत्रपालजी विराजमान हैं। चबूतरा संगमरमरका है। सीढ़ियोंके दोनों ओर मालकी दो छतरियां बनी हुई हैं। एक छतरीमें चारित्रचक्रवर्ती आचार्य शान्तिसागरजीके मार्बलके चरण-चिह्न विराजमान हैं तथा दूसरी छतरीमें आचार्य कुन्थुसागरजी, आचार्य नेमिसागरजी, आचार्य वीरसागरजी और आचार्य शिवसागरजीके चरण-चिह्न हैं। सीढ़ियोंसे उतरनेपर चबूतरेके नीचे दोनों पार्यों में दो हॉल बने हैं। चबूतरेके सामने मैदानमें पश्चिमकी ओर त्यागी जनोंके निवास एवं ध्यानाराधनाके लिए ७ कमरे बने हुए हैं। निर्माण कार्य अभी चालू है। मानस्तम्भ, आचार्य नेमिसागरजी महाराजकी छतरी, फर्श आदिका निर्माण शेष है। बम्बईके अत्यन्त भौतिक और विलासपूर्ण जीवनके बीच अत्यन्त प्रशान्त और वीतरागतामय इस आयतनके निर्माणको कल्पना जिन महनीय मुनि नेमिसागरजी महाराजके मनमें प्रस्फुटित हुई और जिन्होंने फिर अपनी इस कल्पनाको मूर्तरूप दिया, उनके पावन चरणों में मस्तक स्वतः ही विनत हो जाता है । आज ऐसे शहरोंमें ऐसे ही जिनायतनोंको आवश्यकता है । स्थानीय मन्दिर बोरीवलीका दिगम्बर जैन मन्दिर स्टेशनसे पश्चिममें मण्डपेश्वर रोडपर स्थित है । वहाँपर भगवान् आदिनाथकी मूल प्रतिमा विद्यमान है। बाहरके प्रांगणमें चारित्रचूडामणि आचार्य श्री १०८ शान्तिसागरजी महाराजका स्मारक स्टेच्यू है। बम्बई शहरमें भूलेश्वर, गुलालवाडी, कालबादेवी रोड और झवेरीबाजार ( सीमन्धर जिनालय ) के जिनालय दर्शनीय हैं। इसी प्रकार चैत्यालयोंमें चौपाटीपर बने हुए सेठ घासीराम पूनमचन्दका चैत्यालय और सेठ हीराचन्द गुमानजोका चैत्यालय दर्शनीय है। धर्मशाला यहाँ हीराबागकी दिगम्बर जैन धर्मशाला ( जो सी. पी. टैंकपर है) तथा इसके निकट सुखानन्द दिगम्बर जैन धर्मशाला–ये दो धर्मशालाएँ हैं। दोनों शहरके मध्यमें हैं। यहाँ नल, बिजलीकी सुविधा है। हीराबाग धर्मशालामें बर्तनोंकी भी सुविधा उपलब्ध है। दर्शनीय स्थल बम्बई संसारका पांचवां बड़ा शहर है तथा भारतमें इसका स्थान दूसरा है। यहाँको जनसंख्या लगभग ६० लाख है। नगरका कुल क्षेत्रफल ४३७ वर्ग किलोमीटर है। पर्यटकोंके आकर्षणके अनेक केन्द्र हैं । यहाँके दर्शनीय स्थलोंमें कुछ नाम इस प्रकार हैं गेटवे ऑफ इण्डिया, ताज होटल, प्रिंस ऑफ वेल्स म्युजियम, जहाँगीर आर्ट गैलरी, राजाबाई टावर, फ्लोरा फाउण्टेन, नरीमान पाइंट, तारापोरवाला मछलीघर, ( चर्नी रोड रेलवे स्टेशनके पास ), चौपाटी, हैंगिंग गार्डन, कमला नेहरू पार्क, रेसकोर्स, चिड़ियाघर (विक्टोरिया गार्डन या रानीबाग), बोर्न स्टेडियम, जुहू बीच, नेशनल पार्क, कन्हेरी गुफाएँ (बोरीवली स्टेशन
SR No.090099
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1978
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size21 MB
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