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गुजरातके दिगम्बर जैन तीर्थ बायीं ओर आदिनाथ और दायीं ओर पद्मप्रभ भगवान्की १ फुट २ इंच ऊंची और वीर संवत २४७७ में प्रतिष्ठित श्वेतवर्ण पद्मासन प्रतिमाएँ हैं।
मूलनायकके सामनेकी पंक्ति में कृष्ण पाषाणकी दो पद्मासन प्रतिमाएं विराजमान हैं। बायीं ओरकी प्रतिमा १ फुट २ इंच ऊँची है और १५ फणयुक्त है तथा दायीं ओरकी प्रतिमा १ फुट ४ इंच ऊंची है और १३ फणवाली है। दोनोंकी प्रतिष्ठा वीर संवत् २४७७ में हुई थी।
नीचेकी कटनीपर एक सिंहासनमें पीतलको ८ इंच ऊंची पार्श्वनाथ मूर्ति है। दायीं ओर धातुकी हंसवाहिनी चतुर्भुजी पद्मावतीकी मूर्ति है। इसके शीर्ष भागपर पार्श्वनाथ विराजमान हैं।
_गर्भगृहके द्वारके ऊपर भित्तिपर शयन करती हुई तीर्थकर माता और रात्रिमें देखे हुए उसके १६ स्वप्नोंका भव्य चित्रांकन है। धर्मशालाएं
क्षेत्रपर कुल तीन धर्मशालाएँ हैं, जिनमें कमरोंकी कुल संख्या ६८ है। धर्मशालाके बाहर ही पोस्ट ऑफिस और बाजार हैं। यहाँके पर्वतका दृश्य अत्यन्त मनमोहक और आह्लादकारक है। यहाँको प्राकृतिक सुषमा और दृश्यावली दर्शनीय है। यहाँके जल-प्रपात और नदीने तो यहाँके सौन्दर्यको चार चांद लगा दिये हैं। क्षेत्रपर यात्रियोंके लिए लैम्प, गद्दे, रजाई, बर्तन, रसोईका सामान, पूजन-सामग्री आदिको समुचित व्यवस्था है । धर्मशालाके बाहर ही बाजार है, जहाँ सभी आवश्यक सामान मिल जाता है।
मार्ग
पश्चिमी रेलवेकी बड़ौदा-रतलाम लाइनपर चांपानेर रोड स्टेशन है। वहाँसे पावागढ़के लिए छोटो लाइन जाती है। स्टेशनसे लगभग आधे मीलकी दूरीपर दिगम्बर जैन धर्मशाला है । बड़ौदा और गोधरासे पावागढ़ तक नियमित बस सेवा है । बस जैन धर्मशाला तक पहुँचाती है। वार्षिक मेला
यहाँपर माघ शुक्ला १३ से माघ शुक्ला १५ तक प्रतिवर्ष मेला होता है । क्षेत्रका पता इस प्रकार है
मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, पावागढ़ ( बड़ौदा ), गुजरात ।
महुवा ( विघ्नहर पार्श्वनाथ )
अवस्थिति और मार्ग
'श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र महुवा' सूरत जिलेमें वारडोली स्टेशन से १५ कि. मी. दूर पूर्णा नदीके तटपर अवस्थित है। यह क्षेत्र 'विघ्नहर श्री पार्श्वनाथ महुवा'के नामसे प्रसिद्ध है। यहां जानेके लिए वारडोली, नवसारी और सूरतसे बसें मिलती हैं। महवामें पोस्ट ऑफिस, टेलीफोन भी है। एक महुवा भावनगर जिले में भी है किन्तु वहाँ कोई दिगम्बर जैन तीर्थ नहीं है।
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