________________
राजस्थानके दिगम्बर जैन तीर्थ
१०३
यह मूर्ति अनुमानतः १२-१३वीं शताब्दीकी प्रतीत होती है । इस मूर्ति के अतिरिक्त वेदीपर पाषाणकी ८ और धातुकी ९ मूर्तियां और भी विराजमान हैं ।
इस मन्दिरसे आगे सड़क के किनारे दूसरा मन्दिर है । इसमें भगवान् पार्श्वनाथकी २ फुट ७ इंच अवगाहनावाली कृष्ण पाषाणकी पद्मासन मूर्ति विराजमान है। यह ९ फणवाली है । इसकी प्रतिष्ठा संवत् १९९२ में हुई थी। इसके अतिरिक्त वेदोपर ८ पाषाणकी और १० धातुकी मूर्तियाँ भी हैं ।
दोनों हो मन्दिर शिखरबन्द हैं ।
धर्मशाला
क्षेत्रपर दिगम्बर जैन धर्मशाला है । प्रकाशके लिए लालटेनोंको व्यवस्था है । मन्दिरसे लगभग १०० गज दूर एक तालाबके निकट कुआं है । जल-पूर्ति के लिए यही एकमात्र साधन है । क्षेत्र नागरिक कोलाहल से दूर एकान्त और शान्त वातावरण में अवस्थित है ।
व्यवस्था
व्यवस्थाकी दृष्टिसे यह निर्णय किया गया कि अन्देश्वर कलिंजराके निकट है, परन्तु तत्कालीन कुशलगढ़ स्टेटमें होनेसे तथा बाँसवाड़ा - कुशलगढ़ स्टेटोंके बोच सीमा विवाद होनेके कारण कलिंजराके मार्गसे सामान पहुँचाना कठिन था । अतः क्षेत्रको व्यवस्थाका भार दिगम्बर जैन समाज कुशलगढ़ को दिया गया ।
वार्षिक मेला
क्षेत्रका वार्षिक उत्सव कार्तिक पूर्णिमाको होता है । इसी दिन अन्देश्वर पार्श्वनाथ प्रकट हुए थे | घोडा भीमचन्दको स्वप्न दिया था । अतः तभीसे प्रथम ध्वजारोहण घोडा भीमचन्द एवं उनके वंशजों द्वारा ही किया जाता है जो अब तक कायम है ।
पता -
मन्त्री, श्री अन्देश्वर पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अन्देश्वर, पो. कलिंजरा ( जिला बाँसवाड़ा ) राजस्थान ।
नागफणी पार्श्वनाथ
मार्ग और अवस्थिति
यह एक अतिशय क्षेत्र है । ऋषभदेवसे लगभग ४० कि. मी. दूर बोछीवाड़ा नगर है । नियमित बस सेवा है । बीछीवाड़ासे मैस्वो नदी तक १० कि. मी. लम्बी पहाड़ी सड़क है जो पत्थरोंके टुकड़े डालकर बनायी गयी है। बीछीवाड़ा होती हुई बस लगभग ६ कि. मी. तक जाती है | वहाँसे काफी चढ़ाई और उतराई है । अतः पैदल ही यात्रा की जा सकती है । मैस्वो नदीपर पहुँच कर, मोदर गाँव से पूर्व ही नदी के किनारे बायीं ओर लगभग एक फर्लांग चलकर पहाड़के ऊपर मन्दिर दिखाई देने लगता है । मन्दिर तक जानेके लिए लगभग ५० सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं । जहाँ सीढ़ियाँ प्रारम्भ होती हैं, वहाँ एक जलकुण्ड है। पहाड़के कई स्रोतोंसे जल निरन्तर आता रहता है और एक गोमुखी से इस कुण्डमें गिरता रहता है । इसी कुण्डका जल पीने और