________________
भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ कच्ची सड़क है) भियांदांत, चन्देरीसे १४ कि. मी., (११ कि. मी. पक्की सड़क और ३ कि. मी. कच्चा मार्ग ), बिठला ( चन्देरीसे.१९ कि. मी.), भामौन ( चन्देरीसे १६ कि. मी.), आदि । पपौरा
चन्देरीसे ललितपुर ( ३४ कि. मी.) होते हुए वहाँसे टीकमगढ़ जाना चाहिए । टीकमगढ़से बण्डा-सागर रोडपर पपौरा ५ कि. मी. है। सड़कसे क्षेत्र दो फलांग दूर है। यहां कुल १०७ मन्दिर और ४ मानस्तम्भ हैं। मन्दिर सभी शिखरबन्द हैं। अतः यह मन्दिरोंकी नगरी लगती है। यह एक अतिशय-क्षेत्र है। मन्दिर नं. ४२ की मूलनायक प्रतिमा चन्द्रप्रभ भगवान्की है। वह बड़ी अतिशय सम्पन्न है । अनेक स्त्री-पुरुष यहाँपर मनौती मनाने आते हैं और इसी प्रतिमाके कारण यह क्षेत्र अतिशय-क्षेत्र कहलाता है। . .
- इस क्षेत्रपर दर्शनीय स्थानोंमें एक तो चौबीसी मन्दिर है। इस अद्भुत रचनामें चारों दिशाओंमें छह-छह मन्दिरोंकी पंक्तियां हैं। दूसरा है बाहुबली स्वामी-मन्दिर। इसमें मध्यमें बाहुबली स्वामीकी मूर्ति है। उसके चारों ओर गोलाकारमें २४ तीर्थंकरोंकी गुमटियां बनी हुई हैं। क्षेत्रपर वार्षिक मेला कार्तिक शुक्ला १३ से १५ तक भरता है। ___क्षेत्रपर धर्मशाला, नल, बिजली, फ्लशके सण्डास आदिको सुविधा सन्तोषजनक है। यहां श्री दिगम्बर जैन वीर विद्यालय भी चल रहा है । यहाँका पता है
मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पपौरा ( टीकमगढ़) म. प्र.। अहार
पपौरासे टीकमगढ़ आकर वहाँसे टीकमगढ़-बल्देवगढ़ रोडपर १९ कि. मी. पर अहारतिगोलकी पुलिया है। वहाँसे ५ कि. मी. दूर मदन-सागरसे आगे यह क्षेत्र है । बसें क्षेत्र तक जाती हैं । पक्की सड़क है। यहां पाड़ाशाह द्वारा निर्मित भगवान् शान्तिनाथका मन्दिर है। भगवान् शान्तिनाथकी मूर्ति अत्यन्त अतिशय-सम्पन्न है तथा लगभग १७ फुटको है। यहां हालमें ९२ दीवार-वेदियां बनी हुई हैं। इनमें तीन चौबीसी और २० विदेह क्षेत्रस्थ तीर्थंकरोंकी कुल ९२ मूर्तियां विराजमान हैं। इनके अतिरिक्त गर्भगृहके बाहर ४ वेदियों और बनी हैं।
मुख्य मन्दिरके अतिरिक्त यहाँ ६ मन्दिर और १०वीं शताब्दीके दो मानस्तम्भ और हैं तथा यहाँसे लगभग दो फलांग कच्चे रास्तेसे जाकर पहाड़ीपर ६ लघु मन्दिर बने हुए हैं। क्षेत्रपर . एक संग्रहालय बना हुआ है। इसमें अहार तथा निकटवर्ती स्थानोंसे भूगर्भ आदिसे प्राप्त प्रतिमाएं सुरक्षित हैं । इनमें अनेक मूर्तियाँ ११वीं-१२वीं शताब्दीकी हैं। ___क्षेत्रपर धर्मशाला, नल, कुआं, बिजलीकी समुचित व्यवस्था है। यहां भी शान्तिनाथ दि. जैन विद्यालय, महिलाश्रम और व्रती नामक संस्थाएं चल रही हैं। यहाँका पता है-मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, अहार (जि. टीकमगढ़ ) म. प्र.।
बन्धा
अहारसे टीकमगढ़ लौटकर वहाँसे झाँसी जानेवाली सड़कपर ४० कि. मी. दूर बम्हौरी वराना स्थान पड़ता है । बम्हौरी वरानासे कच्चे मार्ग द्वारा यह १० कि. मी. है।