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________________ परिशिष्ट-१ ३३३ पचराई खनियाधानासे यह १८ कि. मी. है, जिसमें १४ कि. मी. पक्की सड़क है और ४ कि. मी. कच्चा मार्ग है। यहां एक परकोटेके अन्दर २८ जैन मन्दिर हैं। भगवान् शीतलनाथ मन्दिर यहांका मुख्य मन्दिर है। शीतलनाथ स्वामीकी मूर्ति १२ फुट ऊंची है। यहांकी मूर्तियोंके ऊपर होरेकी पालिश की हुई है। बजरंगढ़ खनियाधानासे गुना तक पक्की सड़क है। गुना आगरा-बम्बई मार्गपर अथवा इन्दौरग्वालियर मार्गपर पड़ता है । गुनामें दो भव्य मन्दिर हैं। गुनासे गुना-आरोन मार्गपर ७ कि. मी. दूर बजरंगढ़ है । गुनासे बस और तांगों द्वारा यहां पहुंच सकते हैं। सड़कके निकट ही यह क्षेत्र है। मुख्य मन्दिरके अतिरिक्त एक मन्दिर बाजारमें है। दोनों मन्दिरोंके साथ धर्मशालाएं हैं । गुना नगरमें भी जैन धर्मशाला है। यह अधिक सुविधाजनक है। ' यह अतिशय क्षेत्र है। इस मन्दिरका निर्माण सेठ पाड़ाशाहने वि. सं. १२३६ में कराया था। इसमें भगवान् शान्तिनाथकी साढ़े चौदह फुट ऊँची मूलनायक प्रतिमा है। पता : मन्त्री, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बजरंगढ़ ( गुना म. प्र.)। थूवौन गुनासे अशोकनगर ४५ कि. मी. पक्की सड़क है। अशोकनगरसे चन्देरी जानेवाली सड़क पर थूवीन ५८ कि. मी. है जिसमें ५० कि. मी. पक्की सड़क है और फिर पिपरौलसे ८ कि. मी. कच्ची सड़क है। यहां कुल २५ मन्दिर हैं। मन्दिर नं. १५ की मूलनायक भगवान् ऋषभदेवकी प्रतिमा २५ फुट अवगाहनावाली कायोत्सर्ग मुद्रामें विराजमान है। इसी प्रतिमाके अतिशयोंके कारण यह क्षेत्र अतिशय-क्षेत्र कहलाता है। क्षेत्रपर धर्मशाला है। धर्मशालामें बिजलीकी व्यवस्था है । जलके लिए कुएँ हैं, थोड़ी दूरपर नदी बहती है। पता : मन्त्री, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, थूवोन, पो. चन्देरी, जिला गुना ( म. प्र.)। चन्देरी थूवौनसे चन्देरी २२ कि. मी. है जिसमें ८ कि. मी. पिपरौल ग्राम तक कच्ची सड़क है और पिपरौलसे ३४ कि. मी. पक्की सड़क है। अशोकनगरसे चन्देरी तक बसें चलती हैं। चन्देरीके बस स्टैण्डसे लगभग एक कि. मी. दूर बड़ा जैन मन्दिर है। इसी मन्दिरमें विख्यात चौबीसी विराजमान है। प्रत्येक तीर्थकरकी प्रतिमा एक अलग गर्भ-गृहमें विराजमान है। जिस तीर्थंकरका जो वर्ण शास्त्रोंमें बताया गया है, वही वर्ण उनका प्रतिमाका है। सभी मूर्तियाँ अत्यन्त मनोहर है। इस मन्दिरके बराबरमें एक धर्मशाला त्यागी व्रतियोंके लिए है। दूसरी धर्मशाला यात्रियोंके लिए है। इसमें कन्या पाठशाला चल रही है। नगरमें इस मन्दिरके अतिरिक्त एक मन्दिर और एक चैत्यालय और हैं। पता-मन्त्री, श्री दिगम्बर जैन चौबीसी बड़ा मन्दिर, पो.-चन्देरी ( गुना ) म.प्र.। चन्देरीके आसपास अनेक स्थान हैं, जहां अनेक प्राचीन मूर्तियां और मन्दिर हैं, जैसे खन्दार (चन्देरीके निकट पहाड़पर ), गुरीलागिरि ( चन्देरीसे ७ कि. मी. मार्ग द्वारा), आमनचार (चन्देरीसे मुंगावली रोडपर २९ कि. मी., जिसमें २६ कि. मी. पक्की सड़क और ३ कि. मी.
SR No.090098
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1976
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size19 MB
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