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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ (७) वासुपूज्य मन्दिर-इस मन्दिरकी मूलनायक प्रतिमा वासुपूज्य भगवान्की है। यह श्वेतवर्ण एवं पद्मासन है । इसका आकार २ फुट ६ इंच है। इस मन्दिरके निर्माता सेठ जीवनलाल चम्पालाल अंजड हैं। प्रतिष्ठा संवत् २००५ है।
(८) चन्द्रप्रभ मन्दिर-इसमें चन्द्रप्रभकी एकमात्र प्रतिमा है। श्वेतवर्णकी यह पद्मासन प्रतिमा २ फूट ६ इंच ऊँची है। मन्दिरका निर्माण संवत १९४७ में श्री रतनबाई धर्मपत्नी श्री मांगीलाल पाटनी इन्दौरने कराया।
(९) पार्श्वनाथ मन्दिर-यहां केवल पार्श्वनाथ स्वामी विराजमान हैं। यह मूर्ति कृष्णवणं पद्मासन है तथा ३ फुट ६ इंच उन्नत है । सेठ माणिकचन्द मगनीराम इन्दौरने इसका निर्माण कराया।
(१०) नेमिनाथ मन्दिर-मूलनायकके रूप में यहां भगवान् नेमिनाथकी कृष्णवर्णकी प्रतिमा विराजमान है। इसकी अवगाहना १ फुट ६ इंच है। यह पद्मासनमें है। इसके अतिरिक्त यहाँ दो प्रतिमाएं और विराजमान हैं । इसके निर्माता सर्वसुख रसोईदार इन्दौर हैं।
(११) आदिनाथ मन्दिर-यहाँ मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान्की कृष्णवर्ण पद्मासन प्रतिमा है। इसकी अवगाहना १ फुट २ इंच है। इसके अलावा पाषाणकी दो और भी प्रतिमाएं यहां विराजमान हैं। मन्दिरके निर्माता श्री विजयचन्द्र सेठी बड़नगर हैं।
(१२) पार्श्वनाथ मन्दिर-पाश्वनाथ भगवान्को यह मूलनायक प्रतिमा १ फुट ९ इंच अवगाहनावाली है, श्वेत पाषाणकी है और पद्मासन है। इस वेदीपर पाषाणकी दो प्रतिमा और हैं। इस मन्दिरके निर्माता श्री भीकासा मांगीलाल लोनारा हैं।
(१३) शान्तिनाथ मन्दिर-इसमें मूलनायक प्रतिमा भगवान् शान्तिनाथकी है। यह श्वेत पाषाणको ३ फुट ६ इंच ऊँची पद्मासन मुद्रामें है। इसके अतिरिक्त दो पाषाण-प्रतिमाएं और विराजमान हैं। मन्दिरके निर्माता श्री डालूराम कालूराम सोनकच्छ हैं।
(१४) आदिनाथ मन्दिर-इसमें मूलनायक भगवान् आदिनाथकी श्वेतवर्ण प्रतिमा ३ फुट ६ इंच उन्नत है और पद्मासन,है। इस वेदीपर दो पाषाण प्रतिमाएं और भी विराजमान हैं। मन्दिरके निर्माता श्री जयचन्द चुन्नीलाल इन्दौर हैं।
(१५) चन्द्रप्रभ मन्दिर-यहां साढ़े तीन फुट उत्तुंग भगवान् चन्द्रप्रभकी मूलनायक प्रतिमा श्वेत पाषाणकी है और पद्मासन है। उसके अतिरिक्त दो पाषाण प्रतिमाएं और हैं । इस मन्दिरका निर्माण श्री नन्दराम सेठी इन्दौरने कराया।
(१६) आदिनाथ मन्दिर-भगवान् आदिनाथकी श्वेत पाषाणकी मूलनायक प्रतिमा पद्मासन मुद्रामें विराजमान है । इसका आकार ३ फुट ९ इंच है। इसके अतिरिक्त वेदीपर ४ पाषाण प्रतिमाएं और हैं। इस मन्दिरके निर्माता श्री नाथूलाल चुन्नीलाल इन्दौर हैं।
(१७) चन्द्रप्रभ मन्दिर-इस मन्दिरका निर्माण श्री गुमानीराम नाथूराम इन्दौरने कराया है। मूलनायक प्रतिमा भगवान् चन्द्रप्रभकी है। यह ३ फुट ९ इंच उन्नत है, पद्मासन है और श्वेत पाषाणकी है। इस प्रतिमाके अतिरिक्त यहाँ दो पाषाण प्रतिमाएं और हैं।
(१८) आदिनाथ मन्दिर-यहां आदिनाथ भगवान्की मूलनायक प्रतिमा ३ फुट १० इंच ऊंची श्वेत पाषाणकी है और पद्मासन है। इस वेदीपर दो पाषाण प्रतिमाएँ और हैं। मन्दिरके निर्माता श्री मलुकचन्द बेणीचन्द इन्दौर हैं।