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________________ मध्यप्रदेशके दिगम्बर जैन तीर्थ २०७ मन्दरिया नं. ४ अभिनन्दननाथ प्रतिमा, स्वर्ण वर्ण। . सुमतिनाथ ... " पद्मप्रभ " " सुपाश्वनाथ " " ... चन्द्रप्रभ , " पुष्पदन्त , , इससे आगे एक स्थानपर दीवार में ५ प्राचीन छोटी तीर्थंकर मूर्तियां हैं। मन्दिर नं. ५-भगवान् महावीर की मकरानेकी श्वेतवर्ण, पद्मासन प्रतिमा ४ फुट उत्तुंग हैं और वीर संवत् २४८४ में प्रतिष्ठित हुई है। इसके आगे धातुकी एक तीर्थंकरमूर्ति विराजमान है। मन्दरिया नं. १० शान्तिनाथ स्वर्ण वर्ण श्रेयांसनाथ .. , १२ वासुपूज्य लाल वर्ण मन्दिर नं. ६-बाहुबली स्वामी कायोत्सर्ग मुद्रामें ध्यानमग्न हैं। उनकी अवगाहना ६ फुट ९ इंच है। इनका वणं श्वेत है और इनकी प्रतिष्ठा वीर सं. २४८४ में की गयी। मन्दरिया नं. १३ विमलनाथ स्वर्ण वर्ण .. , १४ अनन्तनाथ . , १५ धर्मनाथ , मन्दिर नं.७ यह कांचका मन्दिर है। इसमें ऊपर, नीचे और दीवारोंमें कांच कलात्मक ढंगसे जड़े हुए हैं। कक्षके मध्यमें समवसरणकी रचना है। इस रचनामें भी काँचका ही प्रयोग किया गया है। इसके मानस्तम्भ और इन्द्र कांचके न होकर सीमेण्ट और संगमरमरके बने हुए हैं। यह मन्दिर ऊपरकी मंजिल में है । मन्दिर दर्शनीय है। मन्दिर नं. ८-भगवान् आदिनाथकी श्वेत मकराना पाषाणकी यह प्रतिमा पद्मासनासीन है, ३ फुट ९ इंच ऊंची है। इसकी प्रतिष्ठा वीर संवत् २४८४ में हुई। इसके आगे श्वेत संगमरमरका २ फुट ऊंचा एक चैत्य विराजमान है। इसमें चारों दिशाओंमें चार तीर्थंकर-प्रतिमाएं बनी हुई हैं। इसके निकट धातुको दो तीर्थंकर-मूर्तियां विराजमान हैं। मन्दरिया नं. १६ शान्तिनाथ प्रतिमा स्वर्ण वर्ण १७ कुन्थुनाथ , अरहनाथ " " . मल्लिनाथ , " . मुनिसुव्रतनाथ,, श्याम वर्ण नमिनाथ , स्वर्ण वर्ण नेमिनाथ , श्याम वर्ण पाश्वनाथ , हरित वर्ण, नो फण हैं। महावीर , स्वर्ण कर्ण
SR No.090098
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1976
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size19 MB
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