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भारतके दिगम्बर जैन तीर्य अभिषेक कर रही है और गन्धर्व आकाशमें वाद्य-यन्त्र बजा रहे हैं। अधोभागमें भगवान्के यक्षयक्षी श्याम और ज्वालामालिनी हैं । यक्ष कपोतपर आसीन है। हाथोंमें चमर और कमलपुष्प हैं । यक्षी अष्टभुजी है। दायें हाथोंमें त्रिशूल, शक्ति और कमल हैं। बायें हाथोंमें चमर और शक्ति हैं। एक हाथ पेटपर है और चौथा मुट्ठी बन्द करके लटका हुआ है। चौथा हाथ महिषपर रखा हुआ है । मन्दिरमें परिक्रमा-पथ बना हुआ है।
___७२. नेमिनाथ मन्दिर-भगवान् नेमिनाथकी कृष्ण पाषाणकी ३ फुट ४ इंच ऊंची यह प्रतिमा पद्मासनमें ध्यानमुद्रामें विराजमान है। इसकी प्रतिष्ठा संवत् १८९७ में हुई थी। इस मन्दिरमें परिक्रमा-पथ बना हुआ है।
७३. ऋषभदेव मन्दिर-ऋषभदेव भगवान्की श्यामवर्ण पद्मासन प्रतिमा संवत् १८८३ में प्रतिष्ठित हुई।
___७४. चन्द्रप्रभ मन्दिर-रक्ताभ वर्णको चन्द्रप्रभ मूर्ति डेढ़ फुट अवगाहनाकी पद्मासनमें स्थित है। इसके सिरके पीछे भामण्डल और ऊपर छत्र हैं। दोनों पाश्वों में चार खड्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ हैं । चरणोंके निकट चमरेन्द्र भगवान्की सेवामें खड़े हुए हैं। अधोभागमें दो भक्त-महिलाएं हाथ जोड़े हुए बैठी हैं। . ७५. ऊपर छतपर एक मन्दरियामें आचार्य शान्तिसागरजी और वीरसागरजी महाराजके संवत २०१६ के प्रतिष्ठित चरण-चिह्न हैं। इसके पीछे भगवान नेमिनाथकी कृष्णवणं पद्मासन मूर्ति है।
___ ७६ से ९९. चौबीसी मन्दिर-इस मन्दिरमें २४ गर्भगृह बने हुए हैं। इन सबको पृथक् मन्दिरोंके रूपमें मान लिया है। इन सबकी प्रतिष्ठा संवत् १९१६ में हुई है । इनका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है
१. ऋषभदेव भगवान् पद्मासन. श्यामवर्ण २ फुट ८ इंच अवगाहना २. अरनाथ ॥
२ फुट ४ इंच ३. सुपाश्वनाथ ,
श्वेतवर्ण २ फुट २ इंच ४. पार्श्वनाथ ,
श्यामवर्ण २ फुट १ इंच श्वेतवर्ण २ फुट ३ इंच
१ फुट ९ इंच
३ फुट ८. नेमिनाथ
२ फुट ९. पार्श्वनाथ
२ फुट ३ इंच १०. चन्द्रप्रभ
श्वेतवर्ण २ फुट ११ इंच ११. वासुपूज्य
२ फुट १२. चन्द्रप्रभ ,
२ फुट
१ फुट ७ इंच १४. पार्श्वनाथ ,
कृष्णवर्ण
२ फुट ४ इंच १५. नेमिनाथ ,
२ फुट ८ १६. मुनिसुव्रतनाथ ,
श्वेतवर्ण १ फुट ४ इंच १७. पार्श्वनाथ ॥
कृष्णवर्ण २ फुट ४ इंच १८. नेमिनाथ ,
श्वेतवर्ण __२ फुट ६ इंच
و من نور
कृष्णवर्ण
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