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________________ १०४ भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ आमनचार मार्ग आमनचार चन्देरीसे लगभग २९ कि. मी. है। मुंगावली रोड-पर पथौरा तक २६ कि. मी. पक्की सड़क है तथा ३ कि. मी. कच्चा मार्ग है। चन्देरी और मुंगावली रोडके मध्य सेहराई गांव है। दोनों स्थानोंसे यह १९ कि. मी. है। वहाँसे क्षेत्र ३ कि. मी. है। पुरातत्त्व यहां गांवके भीतर और बाहर, गली-बाजारमें, घरोंमें, कुओंपर, पेड़ोंके नीचे सब जगह जैन मूर्तियां पड़ी हुई हैं। गांवमें एक जैन मन्दिर है। इसमें प्राचीन कालका एक सहस्रकूट चैत्यालय है। यह शिल्प-सौष्ठवका अद्भुत नमूना है। ___ मूर्तियोंको शैली आदिसे ऐसा अनुमान है कि वे ११-१२वीं शताब्दीकी हैं। भामौन . भामौन बीठलासे ६ कि. मी. है। ईसागढ़से १३ कि. मी. और महौलीसे ८ कि. मी. है। सभी मार्ग कच्चे हैं। पुरातत्त्व ___ अन्तिम ३ कि. मी. भागमें भामौन तक और उसके चारों ओर मन्दिरोंके भग्नावशेष पड़े हए हैं। इन अवशेषोंमें जैन मूर्तियाँ भी बड़ी संख्यामें हैं। लगभग १०० मूर्तियोंके खण्डित भाग भी मिलते हैं । भामौनके आसपासकी पहाड़ियोंपर भी प्राचीन मूर्तियाँ मिलती हैं। भियादाँत मार्ग भियादात मध्यप्रदेशमें चन्देरी-ईसागढ़ रोडसे १३ कि. मी. दूर भाण्डरी गांवसे ५ कि. मी. की दूरीपर उर्वशी नदीके किनारे एक पहाड़ीपर स्थित है। यह क्षेत्र गुना जिलेकी मुंगावली तहसीलमें है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन मुंगावली ( कोटा-बोना लाइन ) ५३ कि. मी. है तथा अशोकनगर ५० कि. मी. है। साथ ही चन्देरी-ईसागढ़ रोडसे १७ कि. मी. दूर महौलीसे ५कि. मी. कच्चे मार्गपर है। पुरातत्त्व यहाँ जैन पुरातत्त्व और कलाकी सामग्री विपुलतासे मिलती है। यहाँके मन्दिरमें पद्मासन तीर्थंकर-मूर्ति मूलनायकके रूपमें प्रतिष्ठित है। ग्रामीण लोग इसे 'बैठा देव' कहते हैं। प्रतिमा अत्यन्त आकर्षक एवं प्रभावोत्पादक है। इस प्रतिमाके कारण ही लोग इस स्थानको अतिशय
SR No.090098
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1976
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size19 MB
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