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बिहार-बंगाल- उड़ीसा के दिगम्बर जैन तीर्थं
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कलकत्ता दिगम्बर जैन मन्दिर
यहाँ प्रमुख दिगम्बर जैन मन्दिर चार हैं - (१) श्री दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर, (२) नया मन्दिर, (३) पुरानी बाड़ीका दिगम्बर जैन मन्दिर, (४) बेलगछियाका पारसनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर ।
बड़ा मन्दिर - यह सर हरीराम गोयनका स्ट्रीट और दिगम्बर जैन टैम्पिल स्ट्रीटके कोनेपर दाहिनी ओर है। यह चावलपट्टीमें है । यह मन्दिर सन् १८२६ में श्री हुलासीलाल अग्रवाल बनवाकर समाज के सुपुर्द कर दिया तथा श्री हरसहायको उसकी व्यवस्थाका भार सौंप दिया । श्री हुलासीलालके कोई सन्तान नहीं थीं। इसी मन्दिरसे प्रतिवर्षं कार्तिक पूर्णिमाको ऐतिहासिक रथयात्रा निकलती है, जो कई प्रमुख मार्गोंसे होती हुई बेलगछिया उपवनको जाती है । इसे देखने - के लिए लाखों जैन और जैनेतर स्त्री-पुरुष आते हैं । उस दिन अधिकतर बाजार बन्द रहते हैं । आजकल इस मन्दिरमें जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है ।
नया मन्दिर - यह मन्दिर दिगम्बर जैन भवनके निकट ही है। इसका निर्माण १९०४-५ ई. में हुआ था । नीचे के भागमें सभाभवन है ऊपर के भागमें दो वेदियाँ हैं । मुख्य वेदी उत्तराभिमुखी है। दूसरी वेदी गन्धकुटीकी शैलीकी है और उसमें चारों दिशाओंकी ओर मुख किये जिनप्रतिमाएँ विराजमान हैं ।
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पुरानी बाड़ीका मन्दिर - यह ३५ नं. वृजदुलाल स्ट्रीट में अवस्थित है । पहले यहाँ श्री gories रहा करते थे । उन्होंने इसमें एक चैत्यालय बनवा रखा था। उनके स्वर्गवासके पश्चात् इसे मन्दिरका रूप दे दिया गया । यह मन्दिर भी दर्शनीय है ।
बेलगछियाका पारसनाथ मन्दिर - यह दिगम्बर जैन भवनसे लगभग ४ मील है । इसे श्री हरसहायके वंशज श्री छन्नूलाल जोहरीने सन् १८९७ में खरीदा था और सन् १९१९ में समाजके नाम कर दिया । तबसे काफी धन लगाकर इसे अत्यन्त दर्शनीय बना दिया है । मन्दिरके चारों ओर ऊँची चहारदीवारी है । फाटक में घुसते ही विस्तृत भूखण्डमें उद्यान है और मध्यमें पक्का सरोवर है। उसके पश्चात् मन्दिर है । मन्दिर दो मंजिल है । नीचेके भागमें सभाभवन है । ऊपर एक वेदी है। दीवारोंपर पौराणिक भित्तिचित्र बने हुए हैं। यह कलकत्ता के दर्शनीय स्थानोंमें से है । इन मन्दिरोंके अतिरिक्त पाँच चैत्यालय हैं - ( १ ) स्व. घनश्यामदास सरावगी ( ५१ बड़तल्ला स्ट्रीटमें पहले तल्लेपर है) । (२) ढाका पट्टी नं. २१ हंस पुकुर फस्टं लेनमें श्री राखालदास जैना बनवाया हुआ तीसरे तल्लेपर है । (३) राजेन्द्रकुमार कुँवरजीका चैत्यालय रवीन्द्र सरणी - पर है । (४) जैन निलय, ९ अलीपुर पार्क प्लेस में साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा निर्मित चैत्यालय | (५) जैनकुंज में हाइड रोड खिदिरपुरपर स्थित यह चैत्यालय सेठ बैजनाथजी सरावगी ने
बनवाया था ।
इण्डियन म्यूजियम
इण्डियन म्यूजियम, जवाहरलाल नेहरू रोडपर स्थित है । इसमें ऐतिहासिक महत्त्वकी दुर्लभ चीजें तथा उत्खनन में प्राप्त सामग्री संग्रहीत है । यहाँ प्रस्तर युग, लौहयुग आदि विभिन्न कालोंके हथियार, वेषभूषा, पक्षियों और जानवरोंकी दुर्लभ नस्लोंके ढाँचे ( अस्थिपंजर ), मिस्र देशसे लायी हुई हजारों वर्षं पूर्वको ममी आदि विचित्र और पुरातन वस्तुओंका अच्छा संग्रह है । इसमें पाषाण और धातुकी कुछ प्राचीन जैन मूर्तियाँ भी सुरक्षित हैं । उनका संक्षिप्त विवरण यहाँ दिया जा रहा है।