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________________ १७४ भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ फलतः सन् १७७० में बंगालमें इतना भयानक अकाल पड़ा कि यहाँको एक तिहाई जनता भूखसे मर गयी। जनता मरती रही, अँगरेज ऐश करते रहे। धीरे-धीरे भारतमें अंगरेजोंका प्रभुत्व बढ़ता गया और उसके साथ ही कलकत्तेका वैभव भी। अंगरेजोंके लिए व्यापारिक दृष्टिसे इसका बड़ा महत्त्व था, यह उनका माल खपानेके लिए एक प्रमुख बाजार बन गया था। सन् १८३५ में शिक्षाका माध्यम अँगरेजी भाषा बना दी गयी। सन् १८५४ में कलकत्तेके पास रिसड़ामें भारतकी पहली जूट मिल खुली। सन् १८५० में कलकत्तेसे रानीगंज तक भारतको प्रथम रेलवे लाइन निकली। सन् १८५१ में तार लाइनें डाली गयी। सन् १८५९ में जमींदोज नाले (सीवर ) बने । सन् १८८० में यहाँपर घोड़ोंसे खींची जानेवाली प्रथम ट्राम गाड़ी चली। सर्वप्रथम यह विपिन विहारी गांगुली स्ट्रीटपर चली, अगले वर्ष यह हेअर स्ट्रीट तक बढ़ा दी गयी। सन् १८८१ में यहाँ टेलीफोन चालू हुआ। इस प्रकार कलकत्ता दिनोंदिन विकसित होता हुआ देशका सबसे बड़ा शहर बन गया। अब तो यह ९ मीलकी लम्बाई और १४ मीलकी चौड़ाईमें बसा हुआ है। इस शहरका क्षेत्रफल ३७ वर्ग मील और इसकी जनसंख्या ७० लाखसे ऊपर है। यहाँ देशके सभी प्रदेशों और संसारके सभी देशोंके लोग रहते हैं। इस शहरके अधिकांश लोगोंकी भाषा हिन्दी है, बँगला नहीं। ____ यहाँपर राजा राममोहन राय, केशवचन्द्र सेन, स्वामी विवेकानन्द, चित्तरंजनदास, रवीन्द्रनाथ ठाकुर और सुभाषचन्द्र बोस-जैसी महान् विभूतियोंने जन्म लिया। ____ इस कलकत्ता शहरकी आयु केवल ३०० वर्षकी है। इतने समयमें इस शहरने कितने ही राजनैतिक परिवर्तन देखे हैं। मुगलोंकी सत्ता समाप्त हुई, नवाबी सल्तनत खत्म हुई, मराठोंका प्रभाव जाता रहा, अंगरजी शासनकी पाताल तक गहरी नींव उखड़ गयी और अब वह स्वतन्त्र है, जैसे कि सारा देश स्वतन्त्र है। इस शहरका नाम कलकत्ता कैसे पड़ा, यह विवादास्पद है। किन्तु इसका बहुसम्मत समाधान यह है कि हिन्दू पुराणोंमें ५१ शक्तिपीठ बताये गये हैं। उनमें एक कालिका क्षेत्र भी है जो यहाँको कालीदेवीके कारण है। कालिका क्षेत्र ही बोलचालमें अपभ्रंश होते-होते कालिका खेत>कालीखेत>कलकत्ता हो गया। दर्शनीय स्थान कलकतामें निम्नलिखित दर्शनीय स्थान हैं महाजाति सदन ( नेताजी सुभाषचन्द्र बोसका स्मारक ), मल्लिक कोठी (दुर्लभ मूर्तियों आदिका संग्रह), रवीन्द्र भारतो ( रवीन्द्रनाथ ठाकुरका स्मारक), वैकुण्ठनाथ मन्दिर, बेलगछियाका पारसनाथ मन्दिर ( दिगम्बर जैन मन्दिर ), बद्रीदास मुकीमका जैन मन्दिर ( श्वेताम्बर जैन मन्दिर ), बोस इन्स्टीच्यूट ( जगदीशचन्द्र बोस द्वारा स्थापित वैज्ञानिक संस्थान जहाँ यन्त्रों द्वारा पेड़-पौधोंमें जीव होनेको प्रमाणित किया जाता है). विनय बादल दिनेश बाग ( जहाँ बंगाल सरकारका प्रमुख कार्यालय राइटर्स बिल्डिंग है ), राजभवन (बंगाल गवर्नरका निवास स्थान ), राज्य विधान सभा, शहीद मीनार ( एक सौ पैंसठ फुट ऊंची ), म्यूजियम ( जादूघर या अजायबघर ), बिड़ला प्लेनेटोरियम ( नक्षत्रगृह ), विक्टोरिया मेमोरियल, चिड़ियाघर, नेशनल लाइब्रेरी, काली मन्दिर, नेताजी भवन, हवड़ाका पुल, वौटैनीकल गार्डन, बेलूर मठ ( स्वामी रामकृष्ण परमहंसका स्मारक ), जहाजकोठी आदि ।
SR No.090097
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1975
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size18 MB
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