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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ
पुरुषदत्ता ( खड्गवरा)-स्वर्ण वर्ण, हाथीकी सवारी, चार भुजाएँ, हाथोंमें वज्र, फल और चक्र । एक हाथ वरद मुद्रा में।
६. पद्मप्रभ--पुष्प यक्ष और मनोवेगा ( मोहिनी ) यक्षी।
पुष्प यक्ष-कृष्ण वर्ण, हिरणकी सवारी, चार भुजावाला, दायें एक हाथ में माला और दूसरा वरद मुद्रामें तथा बायें एक हाथमें ढाल और दूसरा अभय मुद्रामें।
____ मनोवेगा-स्वर्ण वर्ण, घोड़ेका वाहन, चार भुजाएँ। ऊपरके हाथोंमें फल । नीचेके एक हाथमें चक्र और दूसरा वरद मद्रामें।।
७. सुपार्श्वनाथ-मातंग यक्ष और काली ( मानवी ) यक्षी।
मातंग यक्ष-कृष्ण वर्ण, सिंहकी सवारी, कुटिल मुखवाला। दो हाथ जिनमें दायें हाथमें त्रिशूल और बायें हाथमें दण्ड है।
- काली ( मानवी )-सफेद वर्ण, बैलकी सवारी, चार भुजावाली, हाथोंमें घण्टा, फल और त्रिशूल । एक हाथ वरद मुद्रामें ।
८. चन्द्रप्रभ-श्याम यक्ष और ज्वालामालिनी (ज्वालिनी) यक्षी।
श्याम यक्ष-कृष्ण वर्ण, कबूतरकी सवारी, तीन नेत्र और चार भुजावाला । बायें हाथोंमें फरसी और फल तथा दायें हाथोंमें माला और वरदान । - ज्वालामालिनी ( ज्वालिनी )-श्वेत वर्ण, भैंसेकी सवारी, आठ भुजावाली। हाथोंमें चक्र, धनुष, नागपाश, ढाल, त्रिशूल, बाण, मछली और तलवार ।
९ सुविधिनाथ-अजित यक्ष और महाकाली ( भकूटि ) यक्षी।
अजित यक्ष-श्वेत वर्ण, कछएकी सवारी और चार भुजावाला। दायें एक हाथमें अक्षमाला और दूसरा वरद मुद्रामें तथा बायें हाथोंमें शक्ति और फल है।
महाकाली ( भृकुटी )-कृष्ण वर्ण, कछुएकी सवारी, चार भुजावाली, हाथोंमें वज्र, फल और मुद्गर तथा एक हाथ वरद मुद्रामें।
१०. शीतलनाथ-ब्रह्मा यक्ष और मानवी ( चामुण्डा ) यक्षी।
ब्रह्म यक्ष-श्वेत वर्ण, कमलका आसन, चार मुख और आठ भुजावाला। बायें हाथोंमें धनुष, दण्ड, ढाल और वज्र तथा दायें हाथोंमें बाण, फरसी और तलवार तथा एक हाथ वरद मुद्रामें है।
मानवी ( चामुण्डा ) हरित वर्ण, काले सूअरपर सवारी करनेवाली, चार भुजावाली। उसके हाथोंमें मछली, माला और बिजौरा, एक हाथ वरद मुद्रामें।
११. श्रेयान्सनाथ-ईश्वर यक्ष और गौरी ( गौमेधकी ) यक्षी।
ईश्वर यक्ष-श्वेत वर्ण, वृषभकी सवारी करनेवाला, तीन नेत्र और चार भुजावाला। बायें हाथोंमें त्रिशल और दण्ड तथा दायें हाथोंमें माला और फल है।
गौरी ( गौमेधकी )-स्वर्ण वर्ण, हिरनकी सवारी, चार भुजाएँ। हाथोंमें मुद्गर, कमल, कलश और एक हाथ वरद मुद्रामें।
१२. वासुपूज्य-कुमार यक्ष और गान्धारी ( विद्युन्मालिनी ) यक्षी।
कुमार यक्ष-श्वेत वर्ण, हंसकी सवारी, तीन मुखवाला और छह हाथोंवाला है। बायें हाथोंमें धनुष, बभ्रुफल और फल तथा दायें हाथोंमें बाण, गदा और वरदान मुद्रामें है।
१. वसुनन्दि प्रतिष्ठा कल्पके अनुसार दो भुजाएँ हैं।