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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ
१
भार उसका शास्त्रीय
ता उसके सम्बन्धमें परम्प
इ. धार्मिक और सांस्क
२. प्रत्येक तीर्थक विवरणमें निम्नलिखित बातें रहेंगी
अ. तीर्थकी अवस्थिति और मार्ग आ. तीर्थका रूप ( कल्याणक क्षेत्र, सिद्धक्षेत्र या अतिशय क्षेत्र है) और उसका शास्त्रीय ___ आधार । यदि अतिशयक्षेत्र है तो उसके सम्बन्धमें परम्परागत अनुभुतियां । इ. धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास, पौराणिक आख्यान । ई. पुरातत्त्व सम्बन्धी पृष्ठभूमि और विवरण। उ. क्षेत्र पर स्थित मन्दिरों, मूर्तियों, स्तम्भों आदिका विवरण । प्राचीन मूर्तियों तथा
अन्य कलापूर्ण वस्तुओंका विशेष परिचय । प्रत्येक मन्दिरकी वेदियों और मूर्तियोंका ___विवरण । महत्त्वपूर्ण शिलालेख । ऊ. प्रचलित किंवदन्तियाँ । ए. वार्षिक अथवा उल्लेखनीय नैमित्तिक मेले । ..
ऐ. क्षेत्रपर स्थित संस्थाएँ। ३. इस विवरणके साथ प्रदेशका नक्शा, जनपद के नक्शे और यात्रा-मार्ग रहेंगे। . ४. प्रत्येक तीर्थके यथावश्यक महत्त्वपूर्ण चित्र दिये जायेंगे।
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प्रस्तुत भाग-१ की संयोजना
प्रस्तुत प्रथम भाग ( उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाबके जैन तीर्थ) की रूपरेखा निम्न प्रकार तैयार की गयी है और उसके अनुसार सामग्री संयोजित की गयी है
अ. उत्तर प्रदेश को सुविधाके लिए निम्नलिखित जनपदोंमें विभाजित कर दिया है.... . (१) कुरुजांगल और शूरसेन, (२) उत्तराखण्ड, (३) पंचाल, (४) काशी और वत्स, .
(५) कोशल, (६) चेदि - आ. इन जनपदोंमें उत्तर प्रदेशके जैन तीर्थों का विभाजन इस प्रकार किया गया है- --- १. कुरुजांगल और शूरसेन जनपद-हस्तिनापुर, पारसनाथ का किला, बड़ागाँव, मथुरा, -
आगरा, शौरीपुर, चन्दवार, मरसलगंज २. उत्तराखण्ड जनपद-अष्टापद ( कैलास ), श्रीनगर "३. पंचाल जनपद-अहिच्छत्र, कम्पिला ४. काशी और वत्स जनपद-वाराणसी, सिंहपुरी, चन्द्रपुरी, प्रयाग, कौशाम्बी, पभोसा ५. कोशल जनपद-अयोध्या, रतनपुरी, त्रिलोकपुर, श्रावस्ती, काकन्दी, ककुभग्राम,
पावा ( नवीन) ६. चेदि ( बुन्देलखण्ड ) जनपद-देवगढ़, सीरोन, गिरार, सैरोन, पवा ( पावागिरि ),
क्षेत्रपाल ललितपुर, बालावेहट, चाँदपुर-जहाजपुर, दुधई, बानपुर, मदनपुर, करगुवाँ इ. परिशिष्ट १. दिल्ली ई. परिशिष्ट २. पोदनपुर-तक्षशिला उ. परिशिष्ट ३. उत्तरप्रदेश के दिगम्बर जैन तीर्थों का संक्षिप्त परिचय और यात्रा मार्ग । ऊ. इस भागके नक्शे भी इसीके अनुसार तैयार कराये गये हैं-सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश का एक तथा छह
जनपदोंके छह ।