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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ१. लोपू मार्ग ___टनकपुर स्टेशनसे बस द्वारा पिथौरागढ़ ९५ मील, कनाली छीना १४ मील, आस्कोट १२ मील, बलवा कोट ११॥ मील, खेला १७ मील, पांगु ७ मील, सिरखा ५ मील, जुपती ९ मील, मालपा ८ मील, बुड्डी ८ मील, गरव्यांग ५ मील, कालापानी १२ मील, लीपू घाटी ९ मील, तकला कोट १० मील ( तिब्बतका बाजार ), मांचा १२ मील, राक्षसताल १२ मील, मानसरोवर तट ६ मील मैदान, ज्युगुम्फा ८ मील, बरखा १० मील, बांगटू ४ मील, दरचिन ४ मील। यहाँसे कैलाशकी परिक्रमा प्रारम्भ होती है।
परिक्रमाका मार्ग यह है-दरचिनसे लंडीफू ( नन्दी गुफा ) ४ मील, डेरफू ८ मील, गौरीकुण्ड ३ मील, अंडलफू ११ मील और इरचित ६ मील ।
डेरफूसे एक मील ऊपर सिन्धु नदीका उद्गम है। तिब्बती क्षेत्रमें कुली नहीं मिलते। सामान और सवारीके लिए याक जातिका पशु मिलता है जिसकी पूँछसे चंवर बनाये जाते हैं।
इस मार्गसे १ जून तक टनकपुर पहुँचकर यात्रा शुरू कर देनी चाहिए। बरसातमें मार्ग खराब हो जाता है और सरदियोंमें बर्फ पड़नेके कारण यात्रा असम्भव हो जाती है। अन्य मार्गोंकी अपेक्षा यह मार्ग छोटा है, किन्तु इसमें चढ़ाई अधिक है। २. जौहर ( जयन्ती ) मार्ग
___ काठगोदामसे बस द्वारा कपकोट १३८ मील, शामा १२ मील, कुइटी ११ मील, राँती १५ मील, वोगडयार १० मील, रीलकोट ७ मील, ( यहाँसे यात्री नन्दादेवी चोटी देखने १० मील जाकर उसी दिन लौट सकते हैं ), मिलम ९ मील (यह भारतीय सीमाका अन्तिम बाजार और पोस्ट ऑफिस है), पुंग ९ मील, छिरचुन २० मील (ऊटा, जयन्ती तथा कुंगरी-बिंगरी-ये तीन १८००० फुट ऊँची चोटियाँ पार करनी पड़ती हैं ) ठाजांग १० मील, मानीथंगा ७ मील, जिंगलुंग २४ मील, गुरुच्यांग १० मील, तीर्थपुरी ६ मील, गौरीकुण्ड ३ मील, जंडलफू ११ मील, वांगटू ८ मील, ज्यूगुम्फा मानसरोवर तट १२ मील, वरखा १२ मील, ज्ञानिभा मण्डी या डंच २२ मील । यहाँसे ठाजांग छिनचुन होकर पहले मार्गसे लौटना पड़ता है।
___इस मार्गसे यात्रा २५ जूनसे १५ अगस्त तक कभी भी की जा सकती है। यह मार्ग सबसे लम्बा किन्तु उत्तम है। ३. नीती घाटी मार्ग . ऋषिकेशसे बस द्वारा जोशीमठ १४५ मील, तपोवन ६ मील, सुराई ठोटा ७ मील, जुम्भा ११ मील (यहाँसे द्रोगागिरि पर्वतके दर्शन होते हैं ), मलौरी ६ मील, वांवा ७ मील, नीती ३ मील ( यह भारतीय सीमाका अन्तिम गाँव है), होती घाटी ५ मील, होती ६ मील ( यहाँ चीनी सेनाकी चौकी है ) । होतीसे दो मार्ग हैं, । एक मार्ग है--शिवचुलम् खिंगलुंग होकर तीर्थपुरी १६ मील और दूसरा मार्ग है-ज्यूताल ११ मील, यूंगु ११ मील, अलंगतारा ११ मील, गोजीमरु ९ मील, देंगी ११ मील, गुरुज्ञाम ( मिशर ) १० मील, तीर्थपुरी ६ मील । आगेका मार्ग पूर्ववत् है।
इस मार्गसे यात्राका समय जूनके अन्तिम सप्ताहसे १५ अगस्त तक है। इस मार्गसे पैदल कम चलना पड़ता है। इस मार्गसे बदरीनाथकी भी यात्रा हो जाती है। वापिसीमें किसी मार्गसे इच्छानुसार आ सकते हैं। १. इस लेख में मार्ग आदिके सम्बन्धमें 'कल्याण' गोरखपुरके तीर्थीक ( जनवरी १९५७ ) से विशेष सहायता
ली गयी है। इसके लिए हम उसके बहुत आभारी हैं।