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तलवार से अधिक अहिंसा
देशभक्त डा० श्री सतपाल जी, स्पीकर पंजाब असेम्बली प्रेम और अहिंसा का व्रत पालना ही आत्मा का सच्चा स्वरूप है। लोग कहते हैं कि तलवार में शक्ति है परन्तु महात्मा गांधी ने अपने जीवन से यह सिद्ध करके दिखा दिया कि अहिंसा की शक्ति तलवार से अधिक तेज है।
-देशभक्त मेरठ (जून सन् ३४) पृ० ५. जैन-धर्म का प्रभाव
श्री प्रकाश जी मंत्री भारत सरकार जैन धर्म और संस्कृति प्राचीन है। भारत वासी जैन धर्म के नेताओं तीर्थंकरों को मुनासिब धन्यवाद नहीं दे सकते । जैन धर्म का हमारे किसी न किसी विभाग में राष्ट्रीय जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव है। जैन धर्म के साहित्यिक ग्रन्थों की स्वच्छ और सुन्दर भाषा है। साहित्य के साथ साथ विशेष रूप से जैन धर्म ने आकर्षण किया है जो मानव को अपनी ओर खींचता है। जैन धर्म कला को पार्ट के नमूने देखकर आश्चर्य होता है । जैन धर्म ने सिद्ध कर दिया है कि लोक और परलोक के सुख की प्राप्ति अहिंसा व्रत से हो सकती है।
-वीर देहली (१५-१-५१) पृष्ठ ५. महान तपस्वी भगवान महावीर
राजर्षि श्री पुरुषोत्तमदास जी टंडन भगवान् महावीर एक महान तपस्वी थे । जिन्होंने सदा सत्य और अहिंसा का प्रचार किया। इनकी जयन्ती का उद्देश्य मैं यह समझता है कि प्रादर्श पर चलने और उसे मजबूत बनाने का यत्न किया जाये।
-वर्द्धमान देहली, अप्रैल, १६५३ पृ०८ विश्व शान्ति के संस्थापक
प्राचार्य श्री काका कालेलकर जी मैं भगवान महावीर को परम प्रास्तिक मानता हूं। धी भगवान महावीर ने केवल मानव जाति के लिये ही नहीं पर समस्त प्राणियों के विकास के लिये अहिंसा का प्रचार किया। उनके हृदय में प्राणी मात्र के कल्याण की भावना सदैव ज्वलंत थी। इसीलिये वह विश्व-कल्याण का प्रशस्त मार्ग स्वीकार कर सके। मैं दृढ़ता के साथ कह सकताहूँ कि उनके अहिंसा सिद्धान्त से ही विश्व-कल्याण तथा शान्ति की स्थापना हो सकती है।
.. –ज्ञानोदय वर्ष १, पृ० ६६. महान् विजेता
आचार्य श्री नरेन्द्रदेव जी महावीर स्वामी ने जन्म-मरण की परम्परा पर विजय प्राप्त की थी। उनकी शिक्षा विश्व मानव के कल्याणके लिये थी। अगर अापकी शिक्षा संकीर्ण रहती तो जैन धर्म अरव मादि देशों तक न पहुंच पाता
-जनोदय वर्ष १, पृ० ८२३. प्रेम के उत्पादक
आचार्य विनोबा भावे जी लोग कहते हैं कि अहिंसा देवी नि: शास्त्र है मैं कहता हूँ यह गलत ख्याल है। अहिंसा देवी के हाथ में अत्यन्त शक्तिशाली शस्त्र है। अहिंसा रूप शस्त्र प्रेम के उत्पादक होते हैं, संहारक नहीं।
--ज्ञानोदय भाग १, पृ० ५६३. वीर उपदेश से भारत सुदृढ़
श्री के० एम० मुन्शी गवर्नर, उ०प्र० कामना है कि भगवान महावीर का उपदेश भारत को सुदृढ़ करे ।
-बीर देहली १५-१-५१ पृ० ३.
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