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अवधि ज्ञान Clairvoyance भुत ज्ञान Scriptural Knowledge अनुयोग द्वार Disquisition Door व्यंतर देव Peripatetic Deity कूट
Summit गणधर
Chief Disciple गुणस्थान Stage af spiritual development आखव
Flow of karmakarmic inflow विभूति
Dominion कायोत्सर्ग Meditative relaxation इन्द्रक बिल Dwelling-place of hell. दिव्य ध्वनि Resonant preaching of Lord Arihant
SH4 pane vekke er hagvenly aboding place of Indra.
उपरोक्त संदर्भित सभी जैन शब्द तथा अन्य जैन शब्दावली को अंग्रेजी में ज्यों का त्यों लिखते समय Italic Style का उपयोग किया गया है ।
यद्यपि 'भगवान महावीर के 2600वें जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर इस शब्दकोश का निर्माण करके जनता तक पहुँचाने की हमारी भावना थी, तथापि शब्दों के संकलन की जटिलता, पुन: लगभग 1 वर्ष तक चली वाचना, संशोधन, कम्प्यूटरीकरण एवं अंतिम संयोजन के दौर ने इस कार्य की पूर्णता में 3 वर्ष का समय ले लिया है। वास्तविकता तो यह है कि ऐसे अपसाध्य कार्य आदि पूर्ण प्रामाणिक रूप में प्रस्तुत करने हो तो इसके लिए वर्षों का समय चाहिए. परन्तु हमें अत्यंत गौरव है कि भगवान महावीर के 2600वें जन्मकल्याणक को सार्थक बनाने हेतु भगवान की जन्मभूमि-कुण्डलपुर (नालंदा) का नवविकास किया गया और उस नवविकास की पूर्णता पर ही कुण्डलपुर महोत्सव-2004 मनाते हए इस ऐतिहासिक कृलि को आपके हाथों में हम सौंप रहे हैं। इसके संशोधन, परिवर्तन एवं परिवर्द्धन की स्थायी व्यवस्था निम्न पतों पर की गई है, जहाँ आप अपने सुझाव प्रेषित कर सकते हैं। कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन (अध्यक्ष) डॉ. अनुपम जैन (निदेशक) दिगार जैन त्रिलोक शोध संस्थान
गणिनी ज्ञानमती प्राकृत शोधपीठ जम्बूदीप-हस्तिनापुर
ज्ञानछाया, डी-14 सुदामा नगर, मेरठ - 250 404
इन्दौर - 452009
e-mail-anupamjain3@rediffmail.com. भगवान महावीर के बाद पिछले 2500 वर्षों में साहित्य सृजन के क्षेत्र में लगभग 250 ग्रंथों को लिखने वाली देश की सर्वोच्च साध्वी गणिनीप्रमुख आथिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रगाद साहित्यिक एवं आध्यात्मिक रूचि ने देश एवं समाज को अभी तक हर यार एक ऐसी अनूठी कृति
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