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भद्रबाहु संहिता
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स्वस्थ व्यक्ति रोगी और रोगी व्यक्ति की मृत्यु होती है। तालाब या नदीमें प्रवेश करना देखने से रोगीको मरण तुल्य कष्ट होता है।
क्षौर - नाईके द्वारा स्वयं अपना या दूसरेका हजामत करना देखने से कष्टके गणपति दैवज्ञके मत से माता- पिताकी माता - पिताकी मृत्यु और बृहस्पतिके
साथ-साथ धन और पुत्रका नाश होता है। मृत्यु मार्कण्डेयके मत से भार्यामरणके साथ मत से पुत्र मरण होता है ।
खेल- अत्यन्त आनन्द के साथ खेल खेलते हुए देखना दुःस्वप्न है । इसका फल बृहस्पति के मत से रोना, शोक करना एवं पश्चात्ताप करना ब्रह्मवैर्वत पुराण के मत से धन नाश, ज्येष्ठ पुत्र या कन्याका मरण और भार्या को कष्ट होता है। नारद के मत से सन्तान नाश और पाराशर के मत से—धन क्षय के साथ अपकीर्ति होती है।
गमन— दक्षिण दिशाकी ओर गमन करना देखने से धन नाशके साथ कष्ट, पश्चिम दिशाकी ओर गमन करना देखने से अपमान, उत्तर दिशाकी ओर गमन करना देखने से स्वास्थ्य लाभ और पूर्व दिशाकी ओर गमन करना देखने से धन प्राप्ति होती है।
गर्ल- उच्च स्थाने अन्धकारमय गर्तमें गिर जाना देखने से रोगीकी मृत्यु और स्वस्थ पुरुष रुग्ण होता है। यदि स्वप्नमें गर्त्तमें गिर जाय और उठने का प्रयत्न करनेपर भी बाहर न आ सके तो उसकी दस दिनके भीतर मृत्यु होती है।
गाड़ी - गाय या बैलोंके द्वारा खींचे जाने वाली गाड़ी पर बैठे हुए देखने से पृथ्वीके नीचे चिर संचित धनकी प्राप्ति होती है । वराहमिहिरके मत से पीताम्बर धारण किये स्त्रीको एक ही स्थानपर कई दिनों तक देखने से उस स्थान पर धन मिलता है। बृहस्पतिके मत से स्वप्न में दाहिने हाथमें साँपको काटता हुआ देखने से १,००,००० /- रुपयेकी प्राप्ति अति शीघ्र होती है।
गाना - स्वयंको गाना गाता हुआ देखने से कष्ट होता है भद्रबाहु स्वामीके मत से स्वयं या दूसरेको मधुर गाना गाते हुए देखने से मुकदमें विजय, व्यापार में लाभ और यश प्राप्ति, बृहस्पतिके मत से अर्थ लाभके साथ भयानक रोगोंका शिकार