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पाइविंशतितमोऽध्यायः
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अस्त्र-अस्त्र देखना शुभफलप्रद, अस्त्र द्वारा शरीरमें साधारण चोट लगना तथा अस्त्र लेकर दूसरेका सामना करना विजयप्रद होता है।
अनुलेपन-श्वेत रंगकी वस्तुओंका अनुलेपन शुभ फल देनेवाला होता है। वराह मिहिरके मत से लाल रंगके गन्ध, चन्दन और पुष्पमाला आदिके द्वारा अपनेको शोभायमान देखे तो शीघ्र मृत्यु होती है।
अन्धकार-अन्धकारमय स्थानोंमें वन, भूमि, गुफा और सुरंग आदि स्थानोंमें प्रवेश होते हुए देखना रोग सूचक है।
आकाश-भद्रबाहुके मत से निर्मल आकाश देखना शुभफलप्रद, लाल वर्णकी आभा वाला आकाश देखना कष्टप्रद और नीलवर्णका आकाश देखना मनोरथ सिद्ध करने वाला होता है।
आरोहण-वृष, गाय, हाथी, मन्दिर, वृक्ष, प्रसाद और पर्वतके ऊपर स्वयं आरोहण करते हुए देखना व दूसरेको आरोहित देखना अर्थ लाभ सूचक है।
कपास-कपास देखने स्वस्थ व्यक्ति रूग्ण होता है और रोगीकी मृत्यु होती है। दूसरे को देते हुए कपास देखना शुभ-प्रद है।
कबन्धनाचते हुए छीन कबन्ध देखने से आधि, व्याधि और धनका नाश होता है। वराहमिहिरके मत से मृत्यु होती है।
कलश-कलश देखने से धन, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है। कलशी देखने से गृहमें कन्या उत्पन्न होती है।
कलह-कलह एवं लड़ाई-झगड़े देखने स्वस्थ व्यक्ति रूग्ण होता है और रोगीकी मृत्यु होती है।
काकस्वप्नमें काक, गिद्ध, उल्लू, कुकुर जिसे चारों ओरसे घेरकर त्रास उत्पन्न करें तो मृत्यु और अन्यका त्रास उत्पन्न करते हुए देखे तो अन्यकी मृत्यु होती है।
कुमारी—कुमारी कन्याको देखने से अर्थ लाभ एवं सन्तानकी प्राप्ति होती है। वराह-मिहिरके मत से कुमारी कन्याके साथ आलिंगन करना देखने से कष्ट एवं धनक्षय होता है।
कूप-गन्दे जल या पंक वाले कूपके अन्दर गिरना या डूबना देखने से