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कुन्थुसागरजी महाराज के चित्र प्रकाशित किये गये हैं। प्रतिष्ठा विधि दर्पण
परम पूज्य भारत गौरव श्री 108 गणधराचार्य कुन्थुसागरजी महाराज के संघ सान्निध्य में भट्टारक जी की नसियाँ में विशाल रूप में जयपुर में पहली बार ऐतिहासिक कल्पद्रुम महामण्डल विधान हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लेकर धर्म लाभ प्राप्त किया। ऐसे शुभावसर पर ग्रन्थमाला समिति ने प्रतिष्ठा विधि दर्पण ग्रन्थ का प्रकाशन करवाकर दिनांक 20-9-92 को परम पूज्य श्री 108 गणधराचार्य कुन्थुसागरजी महाराज के कर-कमलों द्वारा विमोचन करवाया। प्रतिष्ठा विधि दर्पण ग्रन्थ के प्रकाशन में परम पूज्य गणधराचार्य श्री यही भावना रही है कि जिनेन्द्र प्रभु की मूर्ति, मन्दिर निर्माण का कार्य तथा पंचकल्याणक का कार्य आदि सभी पक्षपातों को छोड़कर आगम के अनुसार किये जावे। इसलिये इस ग्रन्थ में प्रत्येक क्रिया को विस्तार से लिखी गई है और प्रतिष्ठाचार्यों को विषय सरल रूप से समझाने हेतु यंत्रों का भी प्रकाशन इस ग्रन्थ में किया गया है। इसके फलस्वरूप प्रतिष्ठाचार्य मात्र इस एक ग्रन्थ से प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन करा सकेंगे। गणधराचार्य महाराज का पाकेट साईज फोटो का प्रकाशन
परम पूज्य प्रातः स्मरणीय भारत गौरव श्री 108 गणधराचार्य कुन्थुसागरजी महाराज का वर्ष 1992 का वर्षायोग जयपुर में पूर्ण धर्म प्रभावना से पूर्ण हुआ। गणधराचार्य श्री की सभी को याद बनी रहे, इस भावना से ग्रन्थमाला समिति ने गणधराचार्य महाराज का लेमिलेशन युक्त पॉकेट साईज फोटो को प्रकाशन करवाकर इसका विमोचन राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित श्री दिगम्बर जैन मन्दिर महावीर स्वामी में भगवान महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव कार्यक्रम में 26-10-1992 को विमोचन करवाया।
ग्रन्थमाला समिति के कार्यों में यह बात विशेष उल्लेखनीय है कि यह ग्रन्थमाला समिति सभी आचार्यों, साधुओं, विशिष्ट विद्वानों, पत्रों के प्रकाशकों, प्रकाशन ख़र्च में सहयोग करने वाले सभी दानदाता को सभी प्रकाशन व्यक्तिगत रूप से भेंट करती है या मात्र डाक खर्च पर भिजवाती है।
इस प्रकार पाठकगण अवलोकन करें कि ग्रन्थमाला समिति के आर्थिक साधन न होते