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एकादशोऽध्यायः
पाँच वर्षका एक युग होता है, इसी प्रमाणसे ६० वर्षके १२ युग और उनके १२ स्वामी हैं—विष्णु, बृहस्पति, इन्द्र, अग्नि, ब्रह्मा, शिव, पितर, विश्वेदेवा, चन्द्र, अग्नि, अश्विनीकुमार और सूर्य।
___ मतान्तरसे प्रथम बीस संवत्सरोंके स्वामी ब्रह्मा, इसके आगे बीस संवत्सरोंके स्वामी विष्णु और इससे आगेवाले बीस संवत्सरोंके स्वामी रुद्र-शिव हैं। आजकल रूद्रबीसी चल रही है।
इति श्री पंचमश्रुत केवली दिगम्बराचार्य भद्रबाह स्वामी विरचित भद्रबाहु संहिताका विशेषवर्णन करने वाला गन्धर्वनगर व लक्षण उनका फल वर्णन करने वाला ग्यारहवाँ अध्याय का हिन्दी भाषानुवाद करने वाली क्षेमोदय नामकी टीका समाप्त:।
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(इति एकादशोऽध्यायः समाप्तः)
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