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कर हस्त रेखा ज्ञान
दूसरा अभ्यास और वह दूसरी अर्थात् अभ्यास की उन्नति या तो व्यापारिक क्षेत्र अथवा विज्ञान क्षेत्र में करेगा ।
ऐसे समय में विद्यार्थी पूर्ण के साथ यह कह सकता हैं। कि उस मनुष्य के माता-पिता अपने स्वभाव में उसके विपरीत थे । यदि रेखा दाहिने हाथ में सीधी हो जाती हैं तो मनुष्य अभ्यास की ओर अधिक कार्य करती हैं।
लड़कों तथा पुरुषों के बारे में यह कि वे अपनी माता के मानसिक गुण को ग्रहण करते हैं जब कि लड़की अथवा स्त्री अपने पिता के मानसिक गुणों को यदि पुरुष के बाँयें हाथ में इस रेखा की ऊपर वाली जिल्ह्वा सीधी हो या सीधी-सी हो तो उसकी माता, पिता से अधिक अभ्यास करने वाली थी । यदि सीधे हाथ पर वही रेखा उसी रूप में मिले तो वह मनुष्य अपने पिता की अपेक्षा माता के गुणों का अनुकरण करता हैं किन्तु स्त्रियों के हाथ में इसका उल्टा होता हैं।
यदि इसके विपरीत नीचे वाला सिरा अधिक स्पष्ट हो दायें हाथ में हो तो वह मनुष्य यदि पुरुष हैं तो अपनी माता की काल्पनिक शक्ति और कला सम्बन्धी प्रवृत्ति पाई हैं। लेकिन लड़की अथवा स्त्री के विषय में इसका उल्टा हैं जब यह मस्तिष्क रेखा बाँयें हाथ पर धीमी तथा दाँयें हाथ पर स्पष्ट और तेज दिखाई पड़े तो उस मनुष्य ने अपने माता-पिता का स्वभाव नहीं ग्रहण किया वरन् खुद का
पाया हैं।
ऐसे विषय में वह मनुष्य इष्ट मानसिक शक्ति रखता हैं अपने माता- -पिता से मानसिक विकास में उच्च निकलता हैं यह रेखा अक्सर उन मनुष्यों के हाथ में पाई जाती हैं जो (Selfmade) अपना बनाया या अपनी चेष्टा से बना धनी हैं। तथा उन्हें आरम्भ में कोई विशेष शिक्षा नहीं प्राप्त होती है। लेकिन जो स्वाभाविक प्रवृत्ति होने के कारण उसमें उन्नति कर जाते हैं ऐसे निशान उस मनुष्य की इच्छा शक्तियों को प्रकट करते हैं यदि मस्तिष्क रेखा बायें हाथ से दायें हाथ पर धीमी और खराब हैं। तो वह मनुष्य कभी भी अपने माता-पिता के समान नहीं हो सकता और वह अपनी मानसिक शक्तियों को प्रयोग में नहीं ला सकता। ऐसी दशा में हर एक मनुष्य को विश्वास होना चाहिये कि वह मनुष्य अपनी मजबूत इच्छाएँ विशेषकर मानसिक— नहीं रखता यद्यपि वह प्रकृति से मजबूत हैं, जो कि अंगूठे