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हस्त-रेखा ज्ञान
को कुछ उनके विषय में विशेष प्रकृतियाँ आदि बतला दी जाती है उसी से सन्तोष कर लेना चाहिये।
जबकि कोई भी भाग्य रेखा किसी प्रकार की दृष्टिगत नहीं हो और मस्तक रेखा भी साधारण हो तो भाग्य के विषय में कुछ विशेष बताने के लिए नहीं होता। ऐसे मनुष्य बहुत ही निराशापूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं उन्हें किसी भी रास्ते में कोई चीज प्रभावित करने वाली नहीं होती और अपने पतुरिया (Pturya) अस्तित्व को ठीक करने के लिए कुछ भी नहीं रखते।
एक द्वीप (3 चित्र !4) भाग्य-रेखा पर बहुत ही बुरा चिह्न है।
जबकि रेखा के आरम्भ में ही पाया जाय (4 चित्र 15) तो मनुष्यों को पैदायश के सम्बन्ध में गुप्त बात रहती है जैसे न्याय विरुद्ध पैदायश यदि कोई द्वीप स्त्री के हाथ पर भाग्य-रेखा को मंगल के उभार से मिलाता हुआ पाया जाय तो वह उसके फरेब का चिह्न हैं (5 चित्र 14)
एक द्वीप शुक्र के मैदान पर कहीं भी हो तो वह मुसीबत का समय बताता है उसके जीवन में नुकसान और धन की हानि होगी (3 चित्र 14)
एक द्वीप भाग्य और मस्तक रेखा दोनों पर एक साथ ही हो वह नुकसान ही बतलाता हैं किन्तु वह जबकि उसकी अपनी बेवकूफी से होता हैं (6 चित्र 14)
एक द्वीप भाग्य और हृदय-रेखा के अन्त पर हो तो जीवन निराशा और गरीबी में खत्म होगा (5 चित्र 14) यदि भाग्य रेखा अचानक एक के साथ समाप्त हो जावें तो एक बड़े नाश की आशा की जाती है लेकिन जब भाग्य रेखा पर मिले और शनि के उभार पर भी हो तो ऐसे भाग्य का अन्त बहुत दुःखान्त होगा
और विशेषकर सार्वजनिक जनता भी घृणा पूर्ण होगी। असली गवैये के हाथ पतली शक्ल के तथा लम्बे होते हैं क्योंकि ऐसे मनुष्य अधिक वैज्ञानिक शक्ति रखते हैं। यह गुण उन लोगों में नहीं पाया जाता जो अपनी निज की वैज्ञानिक शिक्षा की अपेक्षा अपने प्रभावशाली स्वभाव पर अधिक निर्भर रहते हैं।
___ बहुत लम्बे हाथों पर जो कि ( ) की श्रेणी में आते हैं यह सूर्य-रेखा बहुत कम अर्थ रखती हैं केवल स्वभाव में ही कुछ रखती हैं ऐसे मनुष्य धन,