SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 328
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ यशोषररास प्रकार मात्र पद स्वर, जो कोई चूको होय भादरयो कवी मुष करी, क्षमा करयो सहू कोय // 1 // श्रीरस्तु उत्तमदानसीलगुणभृत् संवायतुर्यात्मने नंबत्वे तदनसकीति महिमाईई क्सत् शासनं // जीवंतु ज्वलयाक् सुघोभितहता तापीः कवीन्द्राः सदा सनम : किलबबंता त्रिभुवने जनो बयालक्षणः / / 1 / / इति श्री यशोधर महाराज चरित्रे रासनूडामणी काव्यप्रतिछंचे भूदेवकवि श्रीविक्रमसुतदेवेन्द्र विरमिते यशोष यशोधर राजादि भवांतर यथाक्रम स्वर्गगमनोनाम नवमोऽधिकारः / यशोधर रास संपूर्ण / / परहंतः / / संवत 1644 वर्षे भाद्रया सुदि 2 भृगौ / प्रहमाफरपुर वास्तम्यं / उदीय जातीय राउल सोमनाथ सुत विश्वनाथ लोखतं / शुभं भवतु / प्रय संख्या पांजीससे पूरा / लोक 3500 1 इति शुभम् /
SR No.090071
Book TitleBai Ajitmati aur Uske Samkalin Kavi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1984
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy