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________________ बाई प्रजीतमति एवं उसके समकालीन कति ने चौपई जैसे स्वतन्त्र छन्द को भी भास चोपई कर छन्द का प्रयोग किया गया है । हा दोहा के प्रागे पीछे भास का प्रयोग नही क्रिया है। रचना स्थान-जैमा कि पूर्व में कहा जा चुका है कि यशोधर रास पी रचना महवा नगर में चन्द्रप्रभ चैत्यालय में की गयी थी। मगर धनधान्य एवं सुवर्ण में प्रोन प्रोत था । वहीं वशिक समाज के पर्याप्त संख्या में घर थे । वड़े बई वाड़ी परवं बगीचे थे जिनमे विभिन्न प्रकार के फलों वृक्ष थे। नगर में धायकों की अच्छी बस्ती थी जो दान पजा व्रत अभिषेक करने में बड़ी मचि रखते । वहां बड़े २ विणाल जिन मन्दिर थे इस प्रकार जिस नगर (महा) में कवि रहते थे वह अपने समय का उत्तम नगर माना जाता था। तेह देस माही सोहि महमा नयरी असंततो । धन करण करणय र तने भरी, महाजन नवसय महंततो ॥1 ब्राह्मण वेदने अभ्यास नाहि पूर्ण नदी मांही नो। प्रवर बरण घरमा वसि सा. नित नित होय उछाहतो ।। सिंहपुरा कुल मंडण बाहि वारिया श्रावक वसंततो 1 दान पूजाप्रत अतिरेक, बहुरि घर रंजनो::१२१३२॥ महुआ नगर के मन्दिर की मुलनायक प्रतिमा चन्द्र प्रमु स्वाभी की थी। मन्दिर में धरणेन्द्र पथावती की प्रतिमा भी श्री जिनके दर्शनमात्र से भूत पिशाच की वाधा दूर हो जाती थी मन्दिर के बहार क्षेत्रपाल भी पूजे जाते थे। महुअा नगर में अनेक धात्रक थे जिनमें संघवी नाकर नन्दन, मंघवी शिवदास सघत्री दाभाई, माह चाहानकुल चांदली. संघवी जगा, जयवंत संघवी, हंसराज सुत साह कंपारी, नाहन रुत मांगजी, भाजी आदि के नाम विशेषतः उल्लेखनीय थे जिनके नाम कवि ने अथ प्रशात्ति में गिनाये हैं। इन सबने यशोधर रास की रचना में विवेष प्रेरणा की थी। संघसी नाकार नंदन ।साला संघवी साहि सिवदास तो। भूपाल कुल सोहायर साल संघवीदा भाई गृगाराम तो 11३९॥ साहा नाहा नकुल दिलो !सादा भाई दान दातार तो। माधवी जना कुल माहरण ।साल। जयवंत संघीव उदारतो ॥३। हंसराज सुत साहा कुअर जी ।साल। नाहन सुत मागजी सुचंगतो । भारणजी आदि संग मादरथी सा०। रास दच्यो मन रंगतो ।।४।। १ तेह गच्छपती प्रादेस थी, मया नगर मझारतो । बद्रप्रभ चैत्यालय रास रच्यो सुख कारता ।।
SR No.090071
Book TitleBai Ajitmati aur Uske Samkalin Kavi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1984
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size5 MB
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