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________________ प्राचार्य सोमकीति गोत्र वाले साह खेभारा झांझ के पुत्र सौवा ने सम्पन्न करायी थी। नरसिंहपुरा जाति प्रतापगढ़ की पोर रहती है। इसलिए सोमकीर्ति ने उघर ही किसी स्थान पर यह प्रतिष्ठा सम्पन्न करामी होगी। इस प्रतिष्ठा में उनके शिष्य वीरसेन प्रमुख थे । चौबीसी की एक प्रतिमा जयपुर के ही चौधरियों के मन्दिर में विराजमान है। भौबीसी में श्रेयान्स नाथ स्वामी की मूलनायक प्रतिमा है ।। प्रतिष्ठानों का यह क्रम बराबर चलता रहा । भट्टारक सोमकीति ने अपने जीवन में कितनी प्रतिष्ठाए सम्पन्न करायी इसकी निश्चित संख्या बतलाना तो कठिन है क्योंकि राजस्थान के अभी सैकड़ों मंदिर ऐसे हैं जिनके मूर्ति लेखों पर कार्य नहीं हो सका है लेकिन इतना अवश्य है कि अपने २५ वर्ष के भट्टारक काल में सोमफीति ने ५० से अधिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठाए' सम्पन्न करायी होंगी। मंतिम प्रतिष्ठा जिसका हमें उल्लेख मिला है वह है संवत् १५४२ की बैशाख बुदी १० के शुभ दिन की प्रतिष्ठा जिसको नरसिंथपुरा जातीय मोकलवाड़ सा. महिला एवं उसके परिवार के सदस्यों ने सम्पन्न करायी थी। इस प्रतिष्ठा में प्रतिष्ठित भगवान संभवनाथ की एक प्रतिमा उदयपुर के दि. जैन मन्दिर संभवनाथ में विराजमान है । ऐसा मालुम होता है कि इस मंदिर का नामकरण इसी प्रतिष्ठा के साथ जुड़ा हुआ है। बिहार भट्टारत सोमकीर्ति कभी एक हरान पर जम के नहीं रहे। उनका अधिकांश समय एक नगर से दूसरे नगर में विहार करने में ही समाप्त हुमा । राजस्थान एवं गुजरात प्रदेश के ग्राम एवं नगर उनके बिहार के प्रमुख स्थान थे ! कभी वे विधान सम्पन्न कराने जाते तो कभी प्रवचन के लिये उन्हूं जाना पड़ता। कभी समाज पर पाने वाली विपत्तियों को निवारणार्थ वे जाते तो कभी अपनी कृतियों के विमोचन समारोह में सम्मिलित होते । उनके विशाल व्यक्तित्व के सहारे समाज अपने पापको प्राश्वस्त मानता था। 'सोझित्रा' नगर उनका प्रमुख केन्द्र था । यहां उनकी गादी थी और पढ़ाभिषेक हुमा था । मारबाड़ वा गुढली नगर भी उनकी गतिविधियों का केन्द्र था। वहां शीतलनाय स्वामी का मंदिर था जिसमें उनकी भट्टारक. गादी थी। यशोवर १ . मंत्रन १५१६ वर्षे माघ सुदी १५ मुरी श्री काष्ठासंघे नंदितटगच्छे विद्यागणे भट्टारक श्री भीमसेन तरपद भट्टारक श्री सोमीति णिय प्राचार्य श्री वीरसेन युक्त प्रतिष्ठितं नरसिंह जातीय सापहिया मोये सा. पेभारा झामु पुत्र लीबा भार्या लाडी पुत्र ४ मोड़प रणधीर शिधादेवा सा. शिक्षा श्री श्रेयान्स निस्य जामति ।
SR No.090004
Book TitleAcharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size3 MB
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