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________________ जीवन-वृत्त तथा रचनाएँ ४३ डा० हीरालाल जैन के अनुसार हेमचन्द्र ने 'उत्तराध्ययन' पर टीका लिखी थी। 'सर्वदर्शन सङ्ग्रह' में हेमचन्द्र के नाम पर दो ग्रन्थों के नाम और हैं 'आवश्यक सूत्र भाष्यवृत्ति' तथा 'आप्तनिश्चयालङ्कार' । सम्भवतः माधवाचार्य के समय इन ग्रन्थों की प्रसिद्धि रही होगी, इसलिये 'सर्वदर्शन सङ्ग्रह' में उनका उल्लेख है। 'आप्तनिश्चयालङ्कार' का उल्लेख श्री वरदाचारी ने भी किया है। साथ में 'लघुअर्हन्नीति' नामक नवीन संक्षिप्त ग्रन्थ का उल्लेख किया है। कहीं-कहीं 'न्याय बलाबलसूत्राणि' तथा 'सप्तसन्धान महाकाव्यम्' के उल्लेख मिलते हैं । विषयानुसार महत्वपूर्ण रचनाएँ निम्न प्रकार हैं (१) पुराण-'त्रिशष्टिशलाका पुरुषचरित'- इसमें संस्कृत काव्य शैली द्वारा जैनधर्म के २४ तीर्थकरों, १२ चक्रवर्तियों, ६ नारायणों, ६ प्रतिनारायणों एवम् ६ बलदेवों, इस प्रकार ६३ प्रमुख व्यक्तियों के चरितों का वर्णन किया गया है। यह ग्रन्थ पुराण और काव्य-कला दोनों ही दृष्टि से उत्तम है । परिशिष्ट पर्व तो भारत के प्राचीन इतिहास की गवेषणा में बहुत उपयोगी है। (२) काव्य-'द्वयाश्रय काव्य'- इस नाम के दो कारण है। प्रथम कारण तो यह है कि संस्कृत और प्राकृत दोनों ही भाषाओं में लिखा गया है । द्वितीय कारण यह भी सम्भव है कि इस कृति का उद्देश्य अपने समय के राजा कुमारपाल का चरित्र वर्णन करना हैं । और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण उद्देश्य संस्कृत और प्राकृत व्याकरण के सूत्र-क्रमानुसार नियमों के उदाहरण प्रस्तुत करना है। (३) स्तोत्र-'द्वात्रिशिकाएँ'- स्तोत्र-साहित्य की दृष्टि से उत्तम कृतियाँ 'वीतरागस्तुति' और 'महावीर स्तोत्र' भी सुन्दर मान जाते हैं । 'वीतराग स्तोत्रों की संख्या २० है। (४) व्याकरण -'शब्दानुशासन'- संस्कृत- प्राकृत दोनों भाषाओं के लिए यह व्याकरण उपयोगी और प्रामाणिक माना जाता है। इसमें सूत्रवृत्ति, लघु तथा वृहद्वृत्ति, तथा गणपाठ, धातुपाठ, उणादि सूत्र मिलाकर ८४००० श्लोक हैं। (५) छन्द -'छन्दोऽनुशासन' -इसमें संस्कृत, प्राकृत एवम् अपभ्रंशसाहित्य के छन्दों का निरूपण किया गया है । इन्होंने छन्दों के उदाहरण अपनी मौलिक रचनाओं द्वारा दिये है । इसमें रसगङ्गाधर के समान सब कुछ आचार्य का अपना है। (६) अलङ्कार -'काव्यानुशासन'- यह अपने विषय का साङ्गो
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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