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________________ आचार्य हेमचन्द्र इस अवसर पर राजा को साक्षात् महादेव के दर्शन कराये। इस पर राजा ने कहा कि महर्षि हेमचन्द्र सब देवताओं के अवतार और त्रिकालज्ञ हैं। इनका उपदेश मोक्षमार्ग को देने वाला है। संस्कृत द्वयाश्रय काव्य के सर्ग ५, श्लोक १३३-५४१ में शिवस्तुति दृष्टव्य है । कुमारपाल ने जीवहिंसा का सर्वत्र निषेध करा दिया था। इनकी कुलदेवी कण्टेश्वरी देवी के मन्दिर में पशुबलि होती थी। आश्विन मास का शुक्लपक्ष आया तो पुजारियों ने राजा से निवेदन किया कि यहाँ पर सप्तमी को ७०० पशु और ७ भैसे, अष्टमी को ८०० पशु और ८ भैसे, तथा नवमी को ६०० पशु और ६ भैसे राज्य की और से देवी को चढ़ाये जाते हैं। राजा इस बात को सुनकर आचार्य हेमचन्द्र के पास गया, और इस प्राचीन कुलाचार का वर्णन किया। उन्होंने कान में ही राजा को समझा दिया। इसे सुनकर राजा ने कहा, अच्छा, जो दिया जाता है वह हम भी यथाक्रम देंगे। तदनन्तर राजा ने देवी के मन्दिर में पशु भेजकर उनको ताले में बन्द करा दिया और पहरा रख दिया। प्रातःकाल स्वयम् राजा आया और देवी के मन्दिर के ताले खुलवाये । वहाँ सब पशु आनन्द से लेटे थे। राजा ने कहा देखिये, ये पशु मैंने देवी को भेंट किये थे, यदि उन्हें पशुओं की इच्छा होती तो वे इन्हें खा लेती, परन्तु देवी ने एक पशु को भी नहीं खाया। इससे स्पष्ट है कि उन्हें मांस अच्छा नहीं लगता। तुम उपासकों को ही यह भाता है। राजा ने सब पशुओं को छुड़वा दिया। दशमी की रात को राजा को कण्टेश्वरीदेवी स्वप्न में दिखायी दी और उन्होंने राजा को शाप दिया जिससे वह कोढ़ हो गया। मन्त्री उदयन ने बलि देने की सलाह भी दी, परन्तु राजा ने किसी के प्राण लेने की अपेक्षा अपने प्राण देना अच्छा समझा। जब आचार्य हेमचन्द्र को इस सङ्कट का पता लगा तो उन्होंने जल मन्त्रित करके दे दिया जिससे राजा का दिव्यरूप हो गया। इस प्रकार आचार्य हेमचन्द्र की महत्ता के सम्बन्ध में अनेक आख्यान उपलब्ध होते हैं । कहा जाता है कि काशी से विश्वेश्वर नामक कवि पाटन आया और वहाँ हेमचन्द्र की विद्वत्समिति में सम्मिलित हुआ। उसने वक्रोक्ति से हेमचन्द्र के प्रति १- हेमसूरी दर्शितं कुमारपालास्य सोमेश्वर प्रत्यक्षम्-पृष्ठ ८४-८५ तथा 'प्रबन्ध कोश'-पृष्ठ ४७-४८।
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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