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________________ - आचार्य हेमचन्द्र प्रतीत होती है। प्रभासपट्टन के गण्ड 'भाव वृहस्पति' ने वि. सं. १२२६ के भद्रकाली शिलालेख में कुमारपाल को "माहेश्वरनृपाग्रणी" कहा है। हेमचन्द्राचार्य के संस्कृत 'द्वयाश्रय' काव्य के २० वें सर्ग में कुमारपाल की शिवभक्ति का उल्लेख है। यह सत्य प्रतीत होता है कि आचार्य हेमचन्द्र के उपदेश से कुमारपाल का जीवन क्रमशः उत्तरावस्था में प्रायः द्वादशव्रतधारी श्रावक जैसा हो गया था' । आचार्य हेमचन्द्र स्वयं अपने ग्रन्थों में कुमारपाल को “परमाहत्' कहते हैं । सोमप्रभकृत 'कुमारपाल प्रतिबोध' के अनुसार आचार्य हेमचन्द्र ने राजा कुमारपाल को जैन धर्मावलम्बी बनाया । परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि उसने अपने कुलदेव शिव की पूजा छोड़ दी थी। कुमारपाल की सुप्रसिद्ध सोमेश्वर यात्रा से उसका शव रहना ही अधिक युक्तिसङगत प्रतीत होता है। आचार्य हेमचन्द्र के प्रभाव से उनके निर्देशन में ही कुमारपाल ने गुजरात को दुर्व्यसनों से मुक्त करने का योग्य प्रयास किया। चूत और मद्य का प्रतिबन्ध कर निर्वश के धनापहरण का नियम भी उसने बन्द करवाया। यज्ञ में पशुहिंसा बन्द करवायी। कुमारपाल के सामन्तों के शिलालेखों के अनुसार उसके अधीन १८ प्रान्तों में १४ वर्ष तक पशुवध के निषेध का आदेश प्रसारित हुआ। गुजरात के प्रसिद्ध राजा सिद्धराज जयसिंह तथा कुमारपाल के समकालीन होने पर भी आचार्य हेमचन्द्र का कुमारपाल के साथ गुरु-शिष्य जैसा सम्बन्ध था। इसी महापुरुष के प्रभाव में कुमारपाल के राज्य में जैन सम्प्रदाय ने सर्वाधिक उन्नति की। उसने अनेक जैन मन्दिर बनवाये; चौदह सौ(१४००)विहार भी बनवाये एवं जैन धर्म को राज्य-धर्म बनाया । उसके कुमार विहार का वर्णन हेमचन्द्र के शिष्य रामचन्द्रसूरि ने 'कुमारविहारशतक' में किया है । 'मोहराज पराजय' नाटक में इन घटनाओं का रूपकमय उल्लेख है । 'कुमारपाल' १- ईश्वरलाल जैन-हेमचन्द्राचार्य-आदर्श ग्रन्थमाला मुलतान शहर २- त्रिषष्ठिशलाका पुरुषचरितम्-पर्व १० प्रशस्तिः चौलुक्यः परमाईतो विनयवान् श्रीमलराजान्वयी । ३- भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान । -हीरालाल जैन, पृष्ठ १५ ४- पूर्व वीरजिनेश्वरे-श्री हेमचन्द्रो गुरु । पुरातन प्रबन्ध सङ्ग्रह-कुमारपाल देव-तीर्थ यात्रा प्रबन्धः
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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