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________________ जीवन-वृत्त तथा रचनाएँ १५ और गुजरात में ऐसे अनेक परिवार थे जिनमें पत्नी और पति का धर्म भिन्न था। स्वयं गुजरात के राजा सिद्धराज जयसिंह की माता जैन थी और वह स्वयं शैव धर्मावलम्बी था' । सोमप्रभमूरि ने हेमचन्द्र के पिता के विषय में इतना ही कहा है कि वे देव और गुरुजन की अर्चा करने वाले थे । उसी प्रकार माता के विषय में वे केवल शील का वर्णन करते हैं । प्रबंधों में उल्लेख प्राप्त होता है कि आचार्य हेमचन्द्र अपने समय के बहुत बड़े आचार्य थे अतः उनकी माता को भी उच्चासन मिलता था । बहुत सम्भव है, माता ने बाद में जैन धर्म की दीक्षा ले ली हो । हेमचन्द्र के मामा नेमिनाग अवश्य जैन अथवा जैन धर्मानुरागी मालुम पड़ते है। 'कुमारपाल प्रतिबोध' में श्री सोमप्रभसूरि ने आचार्य हेमचन्द्र के जन्म की कोई तिथि नहीं दी है । धुन्धुका में जन्म हुआ अथवा अन्यत्र इस विषय में भी उनका कथन स्पष्ट नहीं है। उनके पास हेमचरित्र विषयक सामग्री पर्याप्त थी किन्तु उस सामग्री में से उन्होंने रसानुकूल एवं जैन-धर्मानुकूल सामग्री का ही उपयोग किया है । इसलिये हमारे चरित्र नायक के विषय में बहुत सा वृतान्त गूढ़ भी रह गया है। बालक चाङ्गदेव जब गर्भ में था तब माता ने आश्चर्यजनक स्वप्न देखे थे । राजशेखर के अनुसार हेमचन्द्र के मामा नेमिनाग ने अपनी बहन का स्वप्न गुरुदेव के सम्मुख कह सुनाया, “जब चाङ्गदेव गर्भ में था तब मेरी बहन ने स्वप्न में एक आम का सुन्दर वृक्ष देखा था, जो स्थानान्तर में बहुत फलवान होता हुआ दिखलाई पड़ा। इस पर देवचन्द्र गुरू ने कहा कि उसे सुलक्षण सम्पन्न पुत्र होगा जो दीक्षा लेने योग्य होगा"४ । सोभप्रभसूरि भी ऐसे स्वप्नों का वर्णन करते हैं। एक बार आचार्य देवचन्द्र धर्मप्रचारार्थ धुन्धुका आये तब हेमचन्द्र की माता पाहिणी ने कहा-"मैंने स्वप्न में ऐसा देखा है कि मुझे चिन्तामणि रत्न १-गुजरात एण्ड इट्स लिटरेचर-के० एम० मुन्शी, अध्याय-४ हेम एन्ड हिज टाईम्स। . २-"कयदेव गुरूजण्च्चो चच्चो"-कुमारपाल प्रतिबोध । ३-प्रबन्ध चिन्तामणि पृष्ठ ८३-जैन सिन्धी ग्रन्थमाला । ४-प्रबन्धकोश-हेमसूरि प्रबन्ध-अस्मिंश्च गर्भस्थे मम भनिन्या........ महत्पात्रमसी योग्यःसुलक्षणो दीक्षणीयः'
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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