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आचार्य हेमचन्द्र लिए उन्नस शब्द सङ्कलित किये गये हैं। निर्वीरा (३.१९४) पति-पुत्र से पीन स्त्री; नरमालिनी (३।१६५)-जिस स्त्री के दाढ़ी या मूंछ के बाल हों; भानवीयदायी आँख; सौम्य-बायी आँख (३।२६६); कुलुकम्-जीभ की मैल, पिप्पिका. दाँत की मैल (३।२६६),धविअम-मृगचर्म का पंखा; गालावर्तम्-कपड़े का पंखा, पौलिन्दा-नाँव के बीच वाला डण्डा । उपर का भाग मङ्ग ; सेकपात्र या सेचन (६।५४२)-नाँव के भीतर जमे हुए पानी फेंकने का चमड़े का पात्र; गोपानसी(४।७५)-छापर छाने के लिए लगायी गयी लकड़ी;-विष्कंभ (४१८६)-जिसमें बाँधकर मथानी घुमायी जाती है वह लकड़ी, रूप्यम् (४।११२-११३)-सोना, चाँदी, ताँबे का सिक्का; घनगोलक-मिश्रित सोना-चाँदी । तन्त्रिका (४।१५७) कूएँ पर रस्सी बाँधने के लिए काष्ट की बनी चरखी, आदि ये शब्द अपने भीतर सांस्कृतिक इतिहास भी समेटे हुए हैं। हेमचन्द्र का कोश-साहित्य में स्थान- यद्यपि व्याकरण, उपमान, कोश, आप्तवाक्य, व्यवहार आदि को व्युत्पन्न शब्द का शक्तिग्राहक बतलाया है तो भी उनमें व्याकरण एवं कोश ही मुख्य हैं। इनमें भी व्याकरण के प्रकृति-प्रत्यय-विश्लेषण द्वारा प्रायः यौगिक शब्दों का ही शक्ति ग्राहक होने से सर्वविध रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़ शब्दों का अबाध ज्ञान कोश के द्वारा ही हो सकता है । इस दृष्टि से हेमचन्द्र का स्थान न केवल संस्कृत कोश ग्रन्थकारों में अपितु सम्पूर्ण कोश साहित्यकारों में अक्षुण्ण है। 'शेषाश्च' कहकर अन्य शब्दों का भी इनके कोश में स्थान है । उन्होंने तत्कालीन समय तक प्रचलित एवं व्यवहृत सभी शब्दों को अपने कोश में स्थान दिया है, यह उनके कोश की सर्वश्रेष्ठता का एक कारण है। उनके कोश जिज्ञासुओं के लिए केवल पर्यायवाची शब्दों का सङ्कलनमात्र नहीं है अपितु इसमें भाषा सम्बन्धी बहुत ही महत्वपूर्ण सामग्री सङ्कलित है। समाज और संस्कृति के विकास के साथ भाषा के अङग-उपाङ्गों में भी विकास होता है और भावाभिव्यञ्जना के लिए नये-नये शब्दों की आवश्यकता पड़ती है । कोश नवीन तथा प्राचीन सभी प्रकार के शब्द-समूह का रक्षण और पोषण करता है । हेमचन्द्र ने अधिकाधिक शब्दों को स्थान देते हुए नवीन और प्राचीन का समन्वय उपस्थित किया है । यथा-गुप्तकाल के भुक्ति-प्रान्त, विषय-जिला युक्त-जिले का सर्वोच्च अधिकारी, विषयपति-जिलाधीश, शौल्किक-चुङ्गी विभाग का अध्यक्ष, गौल्मिक-जङ्गल विभाग का अध्यक्ष, बलाधिकृत-सेनाध्यक्ष, महावलाधिकृत्-फील्ड मार्शल, अक्षयपटलाधिपति-रेकार्ड कीपर-इत्यादि नये शब्द इसमें ग्रहण किये गये हैं।