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हेमचन्द्र के कोश-ग्रन्थ
ऊपर निर्दिष्ट विवेचन से यह स्पष्ट है कि अमरकोश की अपेक्षा यह श्रेष्ठतम संस्कृत कोश है । अतएव यह कथन सत्य है कि आचार्य हेमचन्द्रसूरि ने इस ग्रन्थ की रचना कर संस्कृत साहित्य के शब्द - भाण्डार की प्रचुरपरिमाण में वृद्धि की है ।
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जहाँ शब्दों के अर्थ में मतभेद उपस्थित होता है वहाँ हेमचन्द्र अन्य ग्रन्थ तथा ग्रन्थकारों के वचन उद्धृत कर उस मत-भेद का स्पष्टीकरण करते हैं । यथा - हेमचन्द्र ने गूंगे बहरे के लिए 'अनेडमूक' शब्द को व्यवहृत किया है । इनके मत में 'एडमूक' 'अनेकमूक' और 'अवाक्श्रुति' ये तीन पर्याय गूङगे-बहरे के लिए आये हैं; इन्होंने मूक तथा अवाक् ये दोनों नाम गुङगे के लिए लिखे हैं । 'शैषाश्च' में मूक के लिए जड़ तथा कड़ पर्याय भी बतलाये हैं । इसी प्रसङ्ग में मतभिन्नता बतलाते हुए 'कलमकस्त्ववाक्श्रुतिः इतिहलायुधः कनेडोऽपि अवर्करोप मूक : अनेडमूक; 'अन्धो ह्यनेडमूकः स्यात्' इति भागुरि अर्थात् हलायुध के मत में अन्धे को अनेडमूक कहा है । वैजयन्तीकार ने जड़ को 'अनेडमूक' कहा है और भागुरि ने शठ को अनेडमूक बतलाया है, इस प्रकार अनेडमूक शब्द अनेकार्थक है ।
हेमचन्द्र के संस्कृत कोश 'अभिधानचिन्तामणि' में अनेक शब्द ऐसे आये हैं जो अन्य कोशों में नहीं मिलते। अमरकोश में सुन्दर के पर्यायवाची १२ शब्द दिये हैं तो हेमचन्द्र ने २६ शब्द बतलाये हैं । इतना ही नहीं हेमचन्द्र ने अपनी वृत्ति में 'लडह' देशी शब्द को भी सौन्दर्यवाची माना है । एक ही शब्द के अनेक पर्यायवाची शब्दों को ग्रहण कर उन्होंने अपने इस कोश को खूब समृद्ध बनाया है। सैकड़ों ऐसे नवीन शब्द आये हैं जिनका अन्यत्र पाया जाना सम्भव नहीं । यथा- जिसके वर्ण या पद लुप्त हों, जिसका पूरा उच्चारण नहीं किया गया हो उस वचन का नाम 'ग्रस्तम्'; थूक सहित वचन का नाम 'अम्बूकृतम्' आया है। शुभ वाणी का नाम कल्या, हर्षक्रीड़ा से युक्त वचन के नाम चर्चरी चर्मरी एवं निन्दापूर्वक उपालम्भयुक्त वचन का नाम परिभाषण आया है । जले हुए भात के लिए भिस्टा और दग्धिका नाम आये हैं। गेहूँ के आटे के लिए समिता ( ३।६६ ) और जौ के आटे के लिए चिक्कस ( ३।६६ ) नाम आये हैं । नाक की विभिन्न बनावट वाले व्यक्तियों के विभिन्न नामों का उल्लेख भी शब्द सङकलन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । चिपटी नाक वाले के लिए नतनासिक, अवनाट, अवटीट, अवभ्रट; नुकीली नाकवाले के लिए - खरणस; छोटीनाक वाले के लिए 'नःक्षुद्र' खुर के समान बड़ी नाकवाले के लिए - खुरणस एवं ऊँची नाक वाले के