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________________ १२८ है । आचार्य हेमचन्द्र निष्कुट - घर के पास वाला बगीचा, पौरक - गाँव के बाहर वाला बगीचा, आक्रीड़-क्रीड़ा का बगीचा, उद्यान, प्रमदवन - राजाओं के अन्तःपुर योग्य बगीचा, पुष्पवटी - धनिकों का बगीचा, क्षुद्राराम - प्रसीदिका - छोटा बगीचा, ये नाम भी सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं । इसी प्रकार मसाले, अङग, प्रत्यङग के नाम, माला, सेना, के विभिन्न नाम, वृक्षलता, पशुपक्षी एवं धान्य आदि के अनेक नवीन नाम आये हैं । 'अभिधानचिन्तामणि' की कुल श्लोक संख्या १५४२ है जो प्राय: अमरकोश के बराबर ही हैं, किन्तु अभिधानचिन्तामणि में नाम और उनके पर्याय अत्यधिक संख्या में कहीं-कहीं दुगनी संख्या तक में दिये गये हैं । इनमें स्वोपज्ञ वृत्ति में कथित पर्याय संख्या जोड़ दी जाय तो उक्त संख्या कहीं-कहीं अमरकोश से तिगुनी - चौगुनी तक पहुँच जाएगी। उदाहरणार्थ - अभिधानचिन्तामणि में सूर्य के ७२ नाम आये हैं, जबकि अमरकोश में ३७, किरण के ३६, अमरकोश अमरकोश में ११; चन्द्र के ३२, अमरकोश में २०; शिव के ७७, में ४८; गौरी के ३२, अमरकोश में १७; ब्रह्मा के ४०, अमरकोश में २०; विष्णु के ७५, अमरकोश में ३६; और अग्नि के ५१, अमरकोश में ३४ नाम हैं । इसी प्रकार 'अमरकोश' में अवर्णित चक्रवर्तियों, अर्धचक्रवर्तियों, उत्सपिणी तथा अवसर्पिणी, काल के तीर्थकरों एवं उनके माता-पिता, वर्णचिह्न और वंश आदि का भी साङ्गोपाङ्ग वर्णन प्रस्तुत ग्रन्थ में किया गया है । इसके अतिरिक्त अमरकोश में अल्पसंख्यक नदियों, पर्वतों, नगरों, शाखा नगरों, भोज्य पदार्थों के पर्यायों का वर्णन किया गया हैं, 'अभिधानचिन्तामणि' में लगभग एक दर्जन नदियों; उदयाचल, अस्ताचल, हिमाचल, विंध्य आदि देढ़ दर्जन पर्वतों गया, काशी आदि सप्त पुरियों के साथ कान्यकुब्ज, मिथिला, निषधा, विदर्भ लगभग देढ़ दर्जन देशों; वाल्मीकि, व्यास, याज्ञवल्क्य आदि ग्रन्थकार; महर्षियों; अश्विन्यादि २७ नक्षत्रों और साङगोंपाङय, ग्रहावयवों के साथ बर्तनों, सेर, घीवर, लड्डू आदि विविध भोज्य पदार्थों तथा हाट-बाजार आदि अनेक नामों के पर्याय दिये गये है । इस ग्रन्थ की महत्वपूर्ण विशिष्टता यह है कि ग्रन्थकारोक्त शैली के अनुसार कवि रूढ़ि प्रसिद्ध शतशः यौगिक पर्यायों की रचना करके पर्याप्त संख्या में पर्याय बनाये जा सकते हैं, किन्तु कमरकोश में उक्त या अन्य किसी भी शैली से पर्याय निर्मित करने की चर्चा तक नहीं की गई है।
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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