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________________ हेमचन्द्र के कोश-ग्रन्थ १२३ जीव जैसे मकड़ी, भ्रमर आदि; पाञ्च इन्द्रिय वाले जैसे स्थल चरपशु, खेचर पक्षी, जलचर, मत्स्यादि, देव, देवता तथा नारकीय का वर्णन मिलता है । पाँचवे में अङगोंसहित नारकीय जीवों का वर्णन तथा छठे काण्ड में साधारण तथा अव्यय शब्द हैं। ___ जीवों की गतियाँ पाँच होती हैं; यथा १, मुक्तगति, २, देवगति, ३, मनुष्यगति, ४, तिर्यग्गति तथा ५, नारकगति । अतः जीव पाँच प्रकार के होते हैंमुक्त, देव, मनुष्य, तिर्यञ्च और नारक । १. प्रभव, प्रभुः २, शय्यंभव, ३, यशोभद्र ४, सम्भूतविजय, ५, भद्रबाहु और ६, स्थूलभद्र, ये छः श्रुतकेवली कहे जाते हैं। तत्पश्चात् तीनों कालों में होने वाले २४-२४ तीर्थङ्करों के जन्म के साथ ही होने वाले अतिशयों का वर्णन हैं। __ ऋतुओं के सम्बन्ध में 'अभिधान चिन्तामणि कोश' में बड़ी ही मनोरञ्जक जानकारी मिलती है। ऋतुभेद से प्रत्येक मास में सूर्य की किरणें घटती-बढ़ती हैं । 'पूषति वर्धत' इस विग्रह से सूर्य का नाम 'पूषा' होता है । आचार्य व्याड़ि के मत से-चैत्र में १२००, वैशाख में १३००, ज्येष्ठ में १४००, आषाढ़ में १५००, श्रावण में १४००, भाद्रपदमें १४००, अश्विन में १६००, कार्तिक में ११००, अगहन में १०५०, पौष में १०००, माघ में ११०० और फाल्गुन में १०५०, सूर्य की किरणें होती हैं । समय परिमाण भी बड़ा मनोरञ्जक है। मनुष्यों के ३६० वर्ष देवों के ३६० दिन-१ दिव्य वर्ष; १२,००० दिव्य वर्ष=१ चतुर्युग; ४३२०००० मनुष्यों के वर्ष = देवों का एक युग-दिव्ययुग । २००० दिव्ययुग का ब्रह्मा का एक दिन-रात होता है अथवा ८६४००००००० ब्रह्मा के दिन-रात मनुष्यों का कल्प-द्वय होता है। देवों के ७१ युग = १ मन्वन्तर३०६७२०००० वर्ष । १४ मनुओं में से प्रत्येक मनु का स्थिति काल इतना होता है । इससे काल की अनन्तता की कल्पना सहज में ही आ सकती है। उसी प्रकार नाप-तोल परिमाण के विषय में भी तत्कालीन प्रचलित परिमाणों पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। 'अभिधान चिन्तामणि' के अनुसार दो सहस्र दण्ड अर्थात ८००० हाथ का एक गव्यूति होता है । आचार्य हेमचन्द्र ने १. त्रिविधमान बोधक चक्र (१) पौतवमानः-१, गुञ्जा-१, रत्ति-५ गुञ्ज-१ माषक, १६ माषक-१ कर्ष, ४ कर्ष-१ पलम्, १६ माषका-१ विस्त, ४ विस्त१ कुविस्त, १०० पल-१ तुला, २० तुला-१ भार, २० भार-१, आचित (अगले पृष्ठ पर भी)
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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