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________________ पूर्वकालीन परिस्थितियाँ ] [ ३५ के क्रमशः ४, ५, तथा २६वें पद्यों की रचना की है। इससे स्पष्ट होता है कि रामसेन के लवानुशासत वि. सं. १२८५ के पूर्व ही आचार्य अमृतचन्द्र एवं उनकी कृतियां विद्यमान थीं इसलिए उक्त आधार पर आचार्य अमृतचन्द्र विक्रम की बारहवीं सदी के पूर्वार्ध के ही ठहरते हैं उसके बाद के नहीं । पद्मप्रभमलधारीदेव ने कुन्दकुन्द कृत नियमसार ग्रन्थ की अत्यन्त गम्भीर आध्यात्मिक टीका की है। इनका समय विक्रम संवत ११६७ से १२३२ (अर्थात् ईस्वी ११४० से ११८५ ) है | नियमसार की तात्पर्यवृत्ति नामक इस टीका में "पद्मप्रभमलघारीदेव" ने आचार्य अमृतचन्द्र की टीकाशैली को ज्यों का त्यों अपनाया है। प्रमृतचन्द्र अपनी टीकात्रों का प्रारंभ "अथसूत्रावतारः " शब्द से करते हैं, इसी का अनुकरण पद्मप्रभमलधारीदेव ने किया है। उत्थानिका लिखकर टीकारम्भ करने की पद्धति को भी ज्यों का त्यों अपनाया है । इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी टीका में अमृतचन्द्र के समयसार कलश के १७ तथा प्रवचनसार तत्त्वप्रदीपिका टीका के ४ पद्यों को उद्धरण ( प्रमाण ) रूप में प्रस्तुत किया है। १. उपादेयतयाजीचोऽजीवो देवतयोदितः । हेयस्यस्मिन्नुपादान हेतुनाऽचः स्मृतः ॥ ७ ॥ तत्त्वार्थसार ॥ संबरी निर्जरा यहानहेतु तथोदितो हेय प्रहारणरूपेण मोक्षों जीवस्य दर्शितः ॥ ८ ॥ तत्वार्थसार || बंघो निबंधनं चास्य हेयमित्युपदशितम् । हेयस्याऽशेष दुःखस्य यस्मादुबौजमिदेद्वयम् ॥ ४ ॥ तवानुशासन || मोक्षस्तत्कारणं चैतदुपादेयमुदाह् तम् । उपादेयं सुखं यस्मादाविर्भविष्यति ।। ५ ।। तत्त्वानुशासन ॥ व्यवहारिकदृशैव केवलं कर्तुं कर्म च विभिन्न मिष्यते । निश्चयेन यदि वस्तु चिन्त्यते कर्तृकर्म च सर्द कमिष्यते ।। २१० ॥ स.सा.क. भिन्न कर्तृकर्मादि विषयों निश्चयो नमः । व्यवहारनयो भिन्न कर्तुं कर्मादि गोचरः ॥ २६ ॥ तवानुशासन ॥ २. जैनेन्द्र सिद्धांतकोश, भाग तृतीय, पृ. १० P ३. समयसार कलश के कलश क्र. ५,११,२४,३५,२६,४४,६०,१०४,१३१, १३८ १८५, १८७, १८६, १२२,२२७,२२८ तथा २४४ ( कुल १७ कलश), तया प्रवचनसार तत्त्वप्रदीपिका के - ४, ५, ८ तथा १२ ( कुल ४ श्लोक )
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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