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________________ दार्शनिक विचार विचार करने पर द्वितीय भंग की सिद्धि होती है । तात्पर्य यह है कि जो दश्य स्पस्वरूप चतुम्न्य से मस्ति खप है तथा वही द्रन्य परस्वरूप चतुष्टय से नास्ति रूप है। तृतीय भंग अस्तिनास्ति रूप है जिसकी सिद्धि -वचतुष्टय तथा परचतुष्टय अपेक्षा क्रमशः कथन करने पर होती है । चतुर्थ भंग प्रवक्तव्य का है अर्थात् द्रव्य का कथन स्वचतुष्टय तथा परच तुष्टय की अपेक्षा से बुगपत् हो सकना संभव नहीं है, अतः द्रव्य स्यात् प्रवक्तव्य है। पंचम भंग सिद्धि प्रथम तथा चतुर्थ भंग की युगपत प्रपेक्षा से होती है अति द्रव्य स्वचतुष्टय में है (अस्ति , तथा स्व तथा परचतुष्टय की युगपत अपेक्षा से बक्तव्य नहीं है अर्थात प्रवक्तव्य.. प्रत द्रव्य स्यात् अति तथा अबक्तव्य है । पष्ठ भंग का निर्माण द्वितीय तथा चतुर्थ भंग के मेल से होता अर्थात् परचतुष्टय अपेक्षा तथा स्व-परचतुष्टय की अपेक्षा द्रव्य स्यात नास्ति अबक्तव्य है और सा' का निर्माण गरी और नतर्थमंग के संयोग से होता है । अर्थात स्वचतुष्टय से, परनतुष्टय से तथा स्त्रपर चतुष्टय से कथम करने पर द्रव्य अस्ति और नास्ति और वक्तव्य है । उपरोक्त सप्तभंग रूप कथन प्रसिद्ध भी नहीं है क्योंकि सर्व वस्तु स्वरूपादि से अन्य हैं, पररूपादि से शून्य है, दोनों मे प्रशून्य तथा शून्य है, दोनों एक ही अवाच्य हैं, अन्व भंगों के संयोग से कथन करने पर अशून्य तथ। अवाच्य हैं, शून्य और अवाच्य है तथा अशून्य, शून्य और अवाध्य हैं।' इस प्रकार एक हो वस्तु के सापेक्ष कथन में सप्त भंगों की सिद्धि होती है। "एव" कार का प्रयोग : उक्त सप्तभंगों में जहां सभी के साथ स्वात् पद का प्रयोग होता है, वहीं सभी भंगों के साथ "एव" कार पद भी प्रयुक्त हुमा है । स्यात् पद जहां सर्वथा एकांत अभिप्राय को दूर करता है, वहीं पर "एव" पद वस्तु के विवक्षित इष्ट अर्थ की प्राप्ति तथा अनिष्ट अर्थ की निराकृति के लिए १. चारितवाय गाव।की टोना । २. "स्पादन, स्वाना हाव, स्पावत यमन, स्वादानास्त्येव, स्यादम्त्यवक्तव्यमे, नास्त्यवक्तव्याने व . स्मादस्तिनास्त्यवक्तामद।" -प्रवचनसार गा. ११५ टीका
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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