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________________ ४३२ ] | प्राचार्य अमृतचन्द्र व्यक्तित्त्व : एवं कर्तृत्व है। निश्चय से एक वस्तु में अत्यंत विरोधी दो कार्यों के भी मेल से उक्त व्यवहार रूढ़ि को प्राप्त होता है जिस प्रकार लोक में यह व्यवहार रूढ़ हो चुका है कि "घी जलाता है" । वास्तव में देखा जाय तो घी नहीं जलाता. घी में जलाने के स्वभाव का अभाव है, जलाती तो अग्नि है क्योंकि उसमें ही जलाने का स्वभाव है। इसी प्रकार उपरोक्त कथन जानना चाहिए।' यह है प्राचार्य अमृतचन्द्र की नयपटुता का स्पष्ट उदाहरण । निश्चय व्यवहार का स्वरूप : निश्चय गय भूतार्थ है तथा व्यवहार नय अभूतार्थ है, क्योंकि भूतार्थ (निश्चयनय) के ज्ञान के विरुद्ध जो भी अभिप्राय है वह सभी संसार स्वरूप है। अथवा समाप्त ही संसार भूतार्थ (निश्चय) के ज्ञान से विमुख है । यह नय स्वरूप कथन अाचार्य अमृतचन्द्र ने प्राचार्य कुन्दकुन्द के कथानानुसार ही किया है। उन्होंने भी यही बात अमृतचन्द्र से हजार वर्ष पहले ही कही है कि व्यवहार अभूतार्थ है तथा शुद्धनय (निश्च यनय) भूतार्थ है ऐसा ऋषीश्वरों ने कहा है। भूतार्थ का आश्रय लेने वाला सम्पादृष्टि होता है। भूतार्थ-अभूतार्थ का स्पष्टीकरण : प्राचार्य अमृतचन्द्र ने उक्त भूतार्थ तथा अभूतार्थ का बहुत विस्तार से स्पष्टीकरण किया है। वे लिखते हैं कि समस्त ही व्यवहार अभूतार्थ है क्योंकि वह अविद्यमान या अभूत अर्थ को बताता है । निश्चय नय भूतार्थ है क्योंकि वह विद्यमान या भूत अर्थ का प्रकाशन करता है। जिस तरह प्रबल कीचड़संयुक्त, आच्छादित हना है निर्मल स्वभाव जिसका, ऐसे जल को जल तथा कीचड़ का भेदज्ञान न करने वाले पुरुष मलिनरूप अनुभव करते हैं, परन्तु अपने हाथ से कतकफल डालकर जल एवं कीचड़ १. एकस्मिनु समवायादल्यन्त बिगद्धकार्ययोरगि हि। इह दहित घृतमिति या व्यवहारम्सादृशोऽपि रूढमिति । पु. शि. पद्य. २१. 2. निश्वयमिहाभूतार्थ व्यवहार वर्णयन्त्यभुतार्थम् । भृतार्थ बोधविमुखः प्रायः सर्वोऽपि संसारः । पु. सि. पद्य ५. ३. बवहारोऽभूयत्थो भूयस्थो देसिदो दु सुद्धरण प्रो। भूपत्थमम्सिदो स्खलु सम्माट्टी हृवइ जीवो । समयप्राभृत, गाधा ११. ४. समयसार की ११ वीं गाथा की आत्मख्याप्ति टीका।
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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