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________________ कृतियाँ | प्रामाणिकता : 7 "समयव्याख्या" टीका महाश्रमण-सर्वज्ञ वीतराग जिनेन्द्र की वाणी से निःसृत प्रथम श्रुतस्कंध तथा द्वितीय शुतस्कंध के ही तात्पर्य की प्रकाशक है, अतः मूलग्रन्थ के समान ही प्रमाणता को प्राप्त है। कुंदकुंदाचार्य के गाथासूत्रों के मर्म का सूत्रतात्पर्यं दर्शाकर टीकाकार ने उक्त कृति को सर्वाधिक प्रामाणिक बना दिया है। निश्चय व्यवहार नयाश्रित स्याद्वाद शैली में निरूपित, सम्यग्ज्ञानरूप निर्मल ज्योति की जननीरूप इस टीका की प्रामाणिकता सर्वोच्च है । अमृतचन्द्र के परवर्ती लेखकों ने मुक्त कंठ से उक्त टीका की प्रशंसा की है । उन्होंने इसे कु कु'दाचार्य की वाणी की ज्यों का त्यों भावप्रकाशिनी टीका लिखा है। साथ ही अमृतचन्द्र को सप्तम, अष्टम गुणस्थानवाला उच्चकोटि का श्राचार्य लिखा है । उदाहरण के लिए यहाँ पंचास्तिकाय ग्रन्थ की हिन्दी पद्यानुवादरूपरूप टीका के कुछ अवतरण प्रस्तुत हैं, जिसके रचयिता पं. हीरानंदजी हैं । वे लिखते हैं- तब इक प्रमृतचन्द मुनिराजा, उपध्या जनु निज अमृत समाजा । यथाजानपदवी निरबाही, सप्तम अष्टम गुन ग्रवगाही ।। ४१५ ।। स्याद्वादवादी प्रति नीका, ताकौं देखि आनमत फीका | । तिने कु कु दमुनिवानी, देखी स्वपर विवेक निशानी २०१७ || कुंदकुंद मुनिराज के बचन आप रस लीन । P जैन के तैसे कहे, अनुचन्द परवीन ||२०|| विषयवस्तु : आचार्य अमृतचन्द्र ने संपूर्ण ग्रंथ को प्रमुख दी श्रुतस्कंधों में विभाजित किया है । गाया १ से १०४ तक प्रथम श्रुतस्कंध है, जिसमें षद्रव्य तथा पंचारिकाय का निरुपण है। द्वितीय श्रुतस्कंध १०५ से १०३ गा. तक चलता है । इसमें नवपदार्थो तथा मोक्षमार्ग का सविस्तार स्वरूप निरूपित है। प्रथम तथा द्वितीय तस्कंध में कुछ अंतराधिकार हैं, जो निम्नानुसार है ܀ प्रथम स्कंध में प्रथम पीठबंध अधिकार है । इसमें पंचास्तिकाय तथा षद्रव्यों का सामान्य व्याख्यान है । शान्त्रारंभ में जिनेन्द्रों को भावनमस्कार किया है, जिसके कुछ हेतु प्रस्तुत किये हैं। प्रथम तो जिनेन्द्रों को शत इन्द्र द्वारा वंदनीक कहा और उनका देवाधिदेवपना सिद्ध किया 2. qua, yaAZNATI, ET * X?, {U MI Yoo, (ía. 4. (orc)
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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