SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 338
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृतियाँ । | ३०७ बाद इस ग्रन्थ की अनक टीकाएं रची गई, परन्तु वे सभी टीकाएँ समयव्याख्या टीका की ऋणो है, उससे अनुप्राणित हैं । यह टोका समस्त टीकाओं में (सिरमौर) मुकुटमणि समान है । यह उपन्यास शैली में लिखित, सभी अनुमानादि से तथा शुद्धात्मरस से प्राप्लावित टीका है।' इसकी अनका टीकाएँ, अनेक संस्करण, विभिन्न भाषाओं में तथा दश विदेश में विभिन्न स्थानों से प्रकाशित हुए हैं, भारतवर्ष के अनेक शास्त्रभण्डागों में की ताइवाय या कविता :, पलियाँ भी मौजूद हैं। इसके हिन्दी, गुजराती, मराठी, अंग्रेजी, कन्नड़, रोमन आदि कई भाषाओं में अनुवादित तथा सम्पादित प्रकाशन निकल चुके हैं । इसका एक संस्करण इटालिन सम्पादक द्वारा सूचनात्मक भूमिका के साथ रोमन लिपि में फिरेंज - इटली से भी प्रकाशित हुआ है।' नामकरण : “समय व्याख्या" टीका के नामकरण का सर्वाधिक पृष्ट प्रमाण टीकाकार कृत मंगलपद्य है। जिसमें सूचना दी गई है कि "समय व्याख्या" नामक टीका संक्षेप में कही जाती है। टीकाकार ने यह भी लिखा है कि "समय" की व्याख्या में पंचास्तिकाय, पद्रव्य, नवपदार्थ वादि तत्त्वों को समाहित किया जा रहा है। अतः सम्पूर्ण टीका में बणित विषय एक समय शब्द में समाहित होन कारण इस रची गई ज्याख्या को 'समयव्याख्या" नाम देना सार्थक तथा उपयुक्त है। तीसरे टोकाकार ने टीकान्त में "घ्याख्या कृतेयं समयस्य शब्द:" लिखकर "समयस्य व्याख्या" या १. उपायारा विधि टीवा कीनी. सत्र प्रगमान गुन भीनों । शब्द गहीर अर्थ करि गहरी, दवा द अनुभन रस लहरी । । दुदकुच का अनुभी सारा, दिया दिखाय प्रगट मुखधारा। ताते इह पनातिकाया प्रगट भया अनुभव सुख पाया ।।३१॥ पंचास्तिकाय (पद्य) पं. होरानद बा, पृ.१० (हस्तलिखित) लिपि संवत् १८१६ ।। Pancastikayasara by Prof. A. Chakravartiraynar - Preface Page 7. Edition 11, 1975। समयव्याजा' टोका गंगलान रग पद्य ऋ.। ४. वहीं, गद्य अ.. 1-2 । ५. वही, पा. ८ ।
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy