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________________ व्यक्तित्व तथा प्रभाव ] ६. जनदर्शन में बहुचित गूढार्थवाची अनेक सिद्धांतों का विशदरूपेण स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है। उनमें स्याद्वाद, अनेकांत, कर्ताकर्म, निमित्तनैमित्तिक, कमबद्धपर्याय, षट्कारका, नय, प्रमाण, निक्षेप, पुण्यपाप बन्धमोक्ष, निश्चयाभास, व्यवहारभास, शुभ-अशुभ तथा शुद्ध उपयोग, द्रव्य-गुण-पर्याय, अहिंसा, सत्य, यचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, महास्कंध, महासत्ता, अवांतरसत्ता, यतसिद्ध-अयतसिद्ध, सामान्यगुण, विशेषगुण, अस्तिकाय इत्यादि प्रमुख सिद्धांत हैं, जिनका स्पष्टोल्लेख आगे यथा समान किया गया है : ७. आचार्य अमृतचन्द्र जैनसिद्धांतों के पारंगत, अधिकारी, मर्मज्ञविशेषज्ञ तो थे ही, साथ ही थे अन्यदर्शनों में सांख्य, वैशेषिक, नैयायिक, बौद्ध, नास्तिक, मीमांसक, अतब्रह्म तथा श्वेताम्बर आदि दर्शनों के ज्ञाता थे, इसीलिए उन्होंने अपनी कृतियों में इन मतों का उल्लेख तथा निराकरण किया है।' ८. वे सूत्रतात्पर्य तथा शास्त्रतात्पर्य को भी स्पष्ट करते जाते हैं। सूत्रतात्पर्य प्रत्येक सत्र की उत्थानिका के रूप में प्रारम्भ में तथा गाथा टीका के अन्त में देते हैं, तथा शास्त्रतात्पर्य वीतरागता को बताते हैं। गाथा की टीका के अन्त में 'यहां यह ताहार्य है" "इदमन तात्पर्य' लिखकर सिद्धांतस्पष्टीकरण किया गया है। सिद्धांत स्पष्टीकरण करते समय वे बड़ी विलक्षण बद्धि एवं तर्क का प्रयोग करते हैं तथा बालबुद्धिजनों को भी सिद्धांत समझ में आ सके, उसके लिए वे दृष्टांत का सहारा १. सांख्यमन- देखिये समयगार गाथा, ३३२ से ३४० तक की यात्मख्याति टीका बालश नं. २०५ से २०७ तक, समयसार गाथा २ की टीका । वैशेषिकमत(प्रवचनसार गाथा, १८. समयसार गाथा २ की टीका । नंयायिकमत-समयसार गाथा, २ की टीका । बौद्धमत-पंचास्तिकाय गाथा, ३८ प्रवचनसार गाथा १४४ । समयसार कलण २०६, २०८ तथा समयसार गाथा २ बी टीका । नास्तिकमत - समयसार गाथा २ की टीका । प्रद्धं तब्रह्ममत - समयसार गाथा २ टीका, स्यावाद अधिकार (समवसार) परिशिष्ट पृष्ठ ५७१ । श्वेताम्बरमतपंचास्तिकाय गाथा १०५ तथा तत्वार्थसार अध्याय ५, पद्य क्रा, ६ । दिगम्बर जन श्रमणामासों का खण्डन-३३२ से ३४४ गाथा को टीका (समयसार)। २. पंचास्तिकाय गाथा १७२ की टीका ३. प्रवचनसार गाथा १५१ की टीका
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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