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अनुयोगद्वारसूत्रे मूलम्-से कि तं तद्धितए ?, तद्धितए अट्ठावेहे पण्णत्ते, त जहा-कम्मे सिप्पसिलोए, संजोगसमीवओ य संजूहो। इस्सरय अवचेण य तद्धितणामंतु अट्टविहं ॥१॥से किं तं कम्ममामे ? कम्मणामे-तण्णहारिए, कटुहारिए, पत्तहारिए, दोसिए, सोत्तिए, कप्पासिए, भंडवेआलिए कोलालिए । से तं कम्मनामे। से किं तं सिप्पनामे?, सिप्पनामे-तुण्णिए संतुवाइए पट्टकारिए उवट्टिए बरुडिए मंजकारिए कटुकारिए छत्तकारिए वज्झकारिए पोत्थकारिए चित्तकारिए दंतकारिए लेप्पकारिए सेलकारिए कोटिमकारिए । से तं सिप्पनामे। से किं तं सिलोयनामे ? सिलोयनामे-समणे माहणे सव्वातिही । से तं सिलोयनामे। से किं तं संजोगनामे ? संजोगनामे-रण्णो ससुरए रणो जामाउए रणो साले रणो भाउए रणो भगिणीवई। से तं संजोगनामे। ले कि तं समीवनामे ?, समीवनामे-गिरिसमीवे णयर-गेरं गिरिणयरं विदिसासमीवेणयरं-वेदिसं, वेन्नाए समीवे जयरं-वेन्नं वेन्नायडं तगराए समीवे जयरं-तागरं तगरायडं। से तं समीवनामे। से किं तं संजूहनामे?, संजूहनामेतरंगवइकारे, मलयवइकारे, अत्ताणुसटिकारे बिंदुकारे। से तं संजूहनामे। से किं तं ईसरियनामे-रायए ईसरए तलवरए माडंबिए कोडंबिए इन्भे सेटिए सत्थवाहए सेणावइए ! से तं ईसरियनामे। से किं तं अवच्चनामे ? अबच्चनामे अरिहंतमाया