________________ भाषाटीकासहित. पूर्व समयमें सब राजालोग अपनी स्त्रियोंको साथ लेकर सभामें विराजमान होते थे, वही चाल. अबभी महाराष्ट्र द्राविड तैलंग आदि देशोंमें पाई जाती है परंतु गौड़ और भरतखंडके कुछ देशोंमें बहुत दिनोंसे यह चाल बंद होगई है, विना पदेहुये किसीकी क्रूरता नहीं जाती पढनेसे क्रूरता विनष्ट होजाती है, इस कारण विद्याका पढना पढाना परमावश्यक है, देखो मंडनकी स्त्री विद्याधरी शंकराचार्यके शास्त्रार्थमें मध्यस्थ थी।। ........ पतिव्रतामाहात्म्य.. श्रीमहाभारतमें पतिव्रतामाहात्म्य लिखा है उसको हम यहां संक्षेप रीतिसे भाषामें लिखते हैं माहाराजा युधिष्टिरजीने परम तेजस्वी मार्कण्डेयमुनिसे यह धर्मप्रश्न किया, हे भगवन् ! हम आपके मुखारविंदसे स्त्रियोंका उत्तम माहाल्य और सूक्ष्म धर्म तत्त्वपूर्वक सुनना चाहते हैं, इस जगतमें सूर्य, चन्द्रमा, वायु, पृथ्वी और अमि ये देवता प्रत्यक्ष देख पडते हैं, हे भृगुनन्दन, पिता, माता, भगवान् गुरु और देवताओंके रचे हुये पदार्थ जो .. .P.AC.Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust