________________ भाषाटीकासहित. 37 अनेक शास्त्र पढके विद्यावती हो लोगोंको अनेक शास्त्र पढाये.. - चित्ररेखा........ .. राजा बलिका ज्येष्ठ पुत्र बाणासुर था, उस बाणासुरके प्रधानमंत्री कूष्मांडकी बेटी चित्ररेखा थी जिसके समान शास्त्र ज्ञान और शिल्प विद्या तथा चित्र खींचनेंमें उस समयं कोई नहीं था, श्रीमद्भागवत दशमस्कन्धके अध्याय 63 में लिखा है कि ऊपाने जिससमय स्वप्नमें अनिरुद्धजीको देखा और व्याकुल हुई, उससमय अपनी सखी ऊषाकी स्वप्न व्यथा दूर करनेके लिये अनेक चित्र खींचकर चित्ररेखाने दिखलाये जब अनिरुद्धका चित्र खींचकर चित्ररेखाने दिखलाया उस समय ऊपाने कहा कि सखी, यही मेरे चित्तचोर है, रात मैंने इसी प्रियतमको स्वपमें देखा था, यह सुन चित्ररेखाने परमभक्त वैष्णवका वेष बनाय द्वारकापुरीसे अनिरुद्धजीको पलंगसमेत लाकर ऊपाके पास रखदिया, यह चरित्र देख ऊषा बहुत प्रसन्न हुई और चित्ररेखासे विनयपूर्वक कहने लगी कि P.P.AC. Guntatnasuri.MS.: Jun Gun Aaradhak. Trust